जबलपुर।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नैसर्गिक मां ठहराई गई महिला अपनी बेटी को जिस्मफरोशी के धंधे में न केवल धकेलने पर आमादा है, बल्कि शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देकर उसका बलात्कार तक कराने की कोशिश कर रही है. जैसे-तैसे जबलपुर पहुंची युवती ने वकील के जरिए अपनी नैसर्गिक मां उसकी बहन और अन्य परिवारवालों के खिलाफ सनसनीखेज आरोपों के साथ थाने में FIR दर्ज कराई है. जबलपुर की महिला थाना पुलिस ने शून्य पर मामला दर्ज करते हुए केस डायरी भोपाल के शाहजहांनाबाद थाने भेज दी है.
क्या है पूरा मामला: दरअसल यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के उरई इलाके से शुरू होता है, जहां अस्पताल में जन्मी एक नवजात बच्ची को शहर में रहने वाले पिल्ले दंपत्ति ने गोद लिया था. तमाम कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद जबलपुर निवासी पिल्ले दंपत्ति ने बालिका को गोद लेकर उसकी परवरिश शुरू कर दी थी, लेकिन मामले में दिलचस्प मोड़ तब आता है जब बच्ची 7 साल की हो जाती है, तब तबस्सुम बानो नाम की एक महिला खुद को बच्ची की जैविक मां कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बच्ची को तबस्सुम बानो के सुपुर्द कर दिया जाता है. अदालती आदेश के बाद तबस्सुम बच्ची को लेकर मुंबई चली जाती है और यहां उसके साथ अमानवीयता का व्यवहार किया शुरू हो जाता है.
कथित मामा ने की रेप की कोशिश: पीड़िता के मुताबिक, उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की कोशिशों के साथ ही उसके साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार किया जाता रहा है. यहां तक की तबस्सुम के भाई ने भी उसके साथ रेप की कोशिश की. कुछ सालों तक मुंबई में रहने के बाद तबस्सुम भोपाल आ गई, यहां भी उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का सिलसिला चलता रहा. एक दिन मौका पाकर युवती वहां से भाग निकली और जबलपुर में कई सालों तक उसकी परवरिश करने वाले पिल्ले दंपत्ति के पास पहुंची और अमानवीयता की सारी दास्तां कह सुनाई. युवती द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत में कहा गया है कि उसकी जैविक मां तबस्सुम बानो परवरिश करने वाले पिल्ले दंपत्ति से मिलवाने के लिए अब तक लाखों की रकम ऐंठ चुकी है, उसने दंपति से यह भी कहा है कि युवती को अगर वे अपने पास रखना चाहते हैं तो इसके एवज में हर माह 50 हजार की रकम उसे पहुंचाई जाए.