जबलपुर।मध्यप्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी कर रही है, जिसके लिए किसानों को मैसेज भी भेजे गए पर अचानक ही राज्य सरकार के पोर्टल में खरीबी आ जाने से सैकड़ों किसानों की मूंग केंद्रों में धरी की धरी रह गई. अब आलम यह है कि समर्थन मूल्य में खरीदी न होने से किसान ओने-पौने दाम में अपनी उपज व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर है. इधर पोर्टल बन्द होने पर प्रशासनिक अधिकारी अलग ही राग अलाप रहे हैं.
मूंग खरीदी के लिए प्रशासन ने बनाए हैं 19 खरीदी केंद्र
जबलपुर जिले में मूंग की समर्थन मूल्य में खरीदी करने के लिए प्रशासन ने 19 केंद्र बनाए थे. तय समय में खरीदी का मैसेज मिलने के बाद किसान खरीदी केंद्र भी पहुंचे पर पोर्टल में खराबी आने के कारण बीते चार दिनों से मूंग की खरीदी नहीं हो पा रही है. केंद्र में मूंग बेचने आए कुछ किसान अपनी मूंग को कम दामों में व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर हैं. किसान बताते हैं कि चार दिनों से पोर्टल बन्द हैं मौसम भी खराब है, इसलिए मजबूरी में कम दामों पर उपज बेचनी पड़ रही है.
अभी तक 12 हजार मीट्रिक टन खरीदी गई मूंग
मूंग खरीदी के लिए जिले में 19 केंद्र बनाए गए थे, जहां अभी तक 41 किसानों से समर्थन मूल्य पर 12.200 मीट्रिक टन मूंग की खरीदी की जा चुकी है. इसमें लगभग 10,962 मीट्रिक टन का परिवहन भी हो चुका है. 27 किसानों से 72 मीट्रिक टन उड़द की भी खरीदी गई है. इसके अलावा प्रशासन के माध्यम से एनआईसी ने लगभग 15000 किसानों को एसएमएस भेजा है.
सेंटर पर किसान कर रहे मूंग की रखवाली
किसानों को मैसेज आ गए है. उन्होंने फसल लाकर केंद्रों में भी रख दी है. पोर्टल खराब हो जाने से अब किसान परेशान हैं. मंडी प्रांगण में चोरी हो रही है. किसान खुद अपनी उपज की रखवाली कर रहे हैं. किसान जितेंद्र पटेल बताते हैं कि समर्थन मूल्य में जहां 8 हजार रुपये प्रति क्विंटल मूंग खरीदी जा रही थी. वहीं अब पोर्टल बन्द होने से व्यापारी किसानों से साढ़े पांच से छह हजार रुपये क्विंटल मूंग खरीद रहे हैं.