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उमरिया में पुलिस से हुई झड़प पर कुलस्ते का हमला, बोले- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उग्रवादी, आदिवासियों के मुद्दों को हिंसक बनाना ठीक नहीं - आदिवासी राजनीति

Kulaste on Umariya Incident: मध्यप्रदेश चुनाव की सरगर्मी तेज हैं. ऐसे में बीजेपी ने तीन लिस्ट जारी कर दी है. इन लिस्ट में पार्टी ने कई केंद्रीय मंत्रियों को उम्मीदवार बनाया है. फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी शामिल है. वहीं, उमरिया में गोंडवाना पार्टी और पुलिस की झड़प पर कुलस्ते ने निशाना साधा है. आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कहा है.

Kulaste slams on gondwana gantantra party
फग्गन सिंह कुलस्ते निवास उम्मीदवार

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 6:23 PM IST

Updated : Sep 27, 2023, 7:05 PM IST

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जबलपुर. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस के बीच हुई उमरिया की झड़प के बाद आदिवासी नेता और भारतीय जनता पार्टी से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेताओं को उग्रवादी कहा है. फगगन सिंह ने कहा- "उन्होंने भी आदिवासियों के मुद्दों पर राजनीति की है, लेकिन कभी टकराव की स्थिति नहीं बनने दी. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी गलत तरीके से अपने मुद्दे उठा रही है. इससे आदिवासी समाज का भला होने वाला नहीं है.

बता दें, मंडल के निवास विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने मंडला लोकसभा के सांसद फग्गन कुलस्ते को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया है. फग्गन सिंह कुलस्ते सात बार सांसद रह चुके हैं और अभी केंद्र सरकार में इस्पात मंत्री हैं.

टिकट मिलने पर क्या बोले:कुलस्ते ने कहा, "पार्टी ने जो फैसला लिया है, वह उसका पालन करेंगे. विधानसभा चुनाव पूरी तैयारी से लड़ेंगे. निवास विधानसभा हमेशा ही भारतीय जनता पार्टी की रही है. निवास विधानसभा से पिछले तीन चुनाव रामप्यारे कुलस्ते ने जीते थे. वे उनके छोटे भाई हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में यहां संजीव यूईके ने रामप्यारे कुलहस्ते को हरा दिया था. इसके बाद से भारतीय जनता पार्टी की यह परंपरागत सीट फिलहाल कांग्रेस के पास में है."

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आसानी से जीतेंगे चुनाव: फग्गन सिंह कुलसते का कहना है कि वे आसानी से यह चुनाव जीत जाएंगे. भारतीय जनता पार्टी ने बीते 5 सालों में आदिवासियों के लिए बहुत काम किया है. 2018 के समय उनका मानना है कि पार्टी से और तत्कालीन प्रदेश सरकार से चूक हुई थी. आदिवासियों के मुद्दे पर 2018 में बीजेपी सतर्क नहीं थी. इसका फायदा कांग्रेस ने उठाया और किसने और आदिवासियों के मुद्दों को जनता के सामने रखने में सफल हुए थे. इसीलिए उन्हें जीत मिली थी लेकिन उसे हार से भारतीय जनता पार्टी ने सीख ली थी और बीते 5 साल में अपनी यह गलती सुधार ली है.

Last Updated : Sep 27, 2023, 7:05 PM IST

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