जबलपुर।ऑर्डिनेंस एंड गन कैरिज असेंबली Jonga के नाम से जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री 1965 तक जीप बनाती थी. इस जीप का इस्तेमाल सेना अपनी छोटी तोपें रखने व बंदूक लगाने के लिए इस्तेमाल में लाती थी. वहीं सेना के अधिकारी और सैनिक दुर्गम इलाकों में आने-जाने के लिए जोंगा का उपयोग करते थे. उस समय यह जीप निशान कंपनी ने डिजाइन की थी. जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनती थी लेकिन इसके बाद यह प्रोजेक्ट बंद कर दिया गया और छोटे वाहनों के रूप में मारुति कंपनी से गाड़ियां लेना शुरू कर दी.
एसयूवी के बाजार में जबलपुर :एसयूवी और ऑफ रोड व्हीकल के शौकीन लोगों के लिए यह गाड़ी पहले भी रोमांचित करती रही है, क्योंकि इस गाड़ी को सेना की कंपनी ने बनाया था. इसलिए यह बहुत मजबूत थी. इसकी मजबूती और टिकाऊपन की वजह से बहुत से पुराने लोगों के पास अभी भी जोंगा गाड़ी है. वैसे हेरिटेज व्हीकल के रूप में संभाल कर रखे हुए हैं, जिस जमाने में यह गाड़ी बंद की गई थी, उसे समय बाजार में कार खरीदने वालों की उतनी बड़ी तादाद नहीं थी लेकिन अब यह बाजार बड़ा हो गया है और यदि ऐसी स्थिति में जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री की यह जीप बाजार में आती है तो लोग इसे पसंद करेंगे.