बिजली कंपनियों का नया स्लैब बिगाड़ देगा आपका बजट, नया टैरिफ जानकर उड़ जाएंगे होश - new tariff plan
Electricity Bill News: मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी एक बार फिर घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली बिलों का भार लादने की तैयारी कर चुकी है.नए टैरिफ प्लान का सबसे ज्यादा असर मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा.
जबलपुर। एक बार फिर मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ता के साथ धोखा करने जा रहा है. एक तरफ सस्ती सोलर ऊर्जा को केवल औद्योगिक इकाइयों को कम दरों पर देने का प्रस्ताव रखा गया है वहीं दूसरी ओर मध्यमवर्गीय परिवारों के खपत का स्लैब ही खत्म किया जा रहा है. जिसमें मध्यमवर्गीय उपभोक्ता को डेढ़ सौ यूनिट से 300 यूनिट तक बिजली जलाने पर जो राहत मिलती थी वह खत्म हो जाएगी. नई टैरिफ पिटीशन में इन दोनों ही बातों का जिक्र है जिस पर जबलपुर की एक समाज सेवी संस्था ने आपत्ति दर्ज कराई है.
बिगड़ेगा मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने एक याचिका पेश की है, जिसमें बिजली की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. इस याचिका में केवल बिजली की दरों को बढ़ाने के प्रस्ताव नहीं दिए गए बल्कि और भी कुछ ऐसे प्रस्ताव दिए हैं जो मध्यम वर्गीय परिवार का पूरा बजट बिगाड़ देंगे.
अभी क्या हैं स्लैब
बिजली कंपनियों ने बिजली उपभोक्ताओं के अलग-अलग स्लैब बनाकर रखे हुए हैं. इनमें पहला स्लैब 100 यूनिट तक की बिजली इस्तेमाल करने वालों का हैं. इन्हें सबसे सस्ती बिजली दी जाती है. इसके बाद अगला स्लैब 150 यूनिट तक का है. डेढ़ सौ यूनिट तक इस्तेमाल करने वाले मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यह कुल बिजली उपभोक्ताओं के 50% इसी स्लैब में आते हैं. इसके बाद वाला स्लैब ऐसे मध्यम वर्गीय परिवारों का है जिसमें लगभग 30% लोग ही शामिल हैं. यह स्लैब 150 से 300 यूनिट का है.
150 से 300 का स्लैब खत्म
मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक बुरी खबर यह है कि नई टैरिफ पिटीशन में पावर मैनेजमेंट कंपनी 150 से 300 यूनिट वाला स्लैब खत्म करने जा रही है. मतलब अब यदि डेढ़ सौ यूनिट से ज्यादा एक यूनिट भी बिजली आप जलते हैं तो आपको महंगी बिजली के दाम चुकाने होंगे. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के सदस्य रजत भार्गव ने पावर मैनेजमेंट कंपनी के इस कदम के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया है. जिस पर 29 जनवरी को सुनवाई होगी.
दिन में सस्ती बिजली केवल इंडस्ट्री को
भारत में सौर ऊर्जा की नई इकाइयों की वजह से बिजली का उत्पादन बढ़ गया है लेकिन यह बिजली उत्पादन दिन के समय में बढ़ा है. इसका फायदा अब केवल औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा. नई याचिका में पावर मैनेजमेंट कंपनी ने दिन में 9 बजे से 5 बजे तक औद्योगिक इकाइयों को मिलने वाली बिजली में 20% की छूट देने का फैसला किया है. जबलपुर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के संरक्षक डॉ पीजी नाजपांडे ने पावर मैनेजमेंट कंपनी के इस नए प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है. इस आपत्ति पर भी सुनवाई 29 जनवरी को होगी. जब विद्युत नियामक आयोग पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रस्तावों पर विचार करेगा.
पावर मैनेजमेंट कंपनी बिजली के बड़े हुए दामों की नई दरें लागू करने से पहले जनता से आपत्तियां बुलवाता है. लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी ही नहीं होती. इसलिए आम आदमी इसमें आपत्ति दर्ज नहीं करवा पाता. इस बार तो पावर मैनेजमेंट कंपनी ने नई टेरिफ पिटीशन ही सार्वजनिक नहीं की. इसलिए लोगों को देर में पता लगा. अभी भी विद्युत नियामक आयोग के सामने जनता की ओर से बहुत कम आपत्तियां जाती हैं इसलिए पावर मैनेजमेंट कंपनियां मनमाने दरों पर आम उपभोक्ताओं से बिजली बिल वसूल रही हैं.