कंपाउंड सोडियम लेक्टेट इंजेक्शन टेस्टिंग में हुआ फेल जबलपुर।मध्यप्रदेश के जबलपुर में मरीजों की जान से खिलवाड़ का मामला सामने आया है. यहां के जिला अस्पताल (Jabalpur District Hospital) में मरीजों को लगाने के लिए आई लिक्विड सोडियम कंपाउंड आईवी फ्लूड की बोतलों में खतरनाक बैक्टीरियल फंगस होने की पुष्टि हुई है. ये खुलासा आईवी फ्लूड की कोलकाता लैब से आई सैंपल की जांच रिपोर्ट में हुआ है. जबलपुर जिला अस्पताल में ये आईवी फ्लूड कई मरीजों को चढ़ाया भी गया था जिससे तेज बुखार के बाद उनकी सेहत बिगड़ गई थी
जांच में फेल पाया गया सैंपल:दरअसल ये पूरा मामला जुलाई 2022 का है, यहां आईवी फ्लूड लगाने के बाद मरीजों की तबियत बिगड़ने पर फ्लूड का सैंपल लिया गया था. सैंपल अब जांच में फेल पाया गया है. जबलपुर में स्वास्थय विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक मरीजों को रिएक्शन होने के बाद ही इस आईवी फ्लूड का इस्तेमाल बंद कर दिया गया था. इस आईवी फ्लूड की आपूर्ति धार की एक कंपनी आईविस ड्रग्स प्राईवेट लिमिटेड ने की थी. कंपनी ने जबलपुर जिला अस्पताल में करीब 5 हजार आईवी फ्लूड बॉटल्स की सप्लाई की थी जिनका इस्तेमाल बंद कर स्टोर रुम में रखवाया गया है.
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कंपनी पर होगी वैधानिक कार्रवाई: जबलपुर के रीजनल हैल्थ डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि ''कंपनी ने कोर्ट में याचिका लगाकर अपने सैंपल की दोबारा जांच की अनुमति मांगी है''. रीजनल हैल्थ डायरेक्टर के मुताबिक ''इन्फैक्टेड आईवी फ्लूड का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है और अब कंपनी पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें कंपनी को स्टॉक लौटाकर नया स्टॉक लेने के अलावा भारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है''.
छात्राओं को मेडिकल अस्पताल ने भगाया:कुछ दिन पहले जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई थी. घायल हालत में अस्पताल आईं छात्राओं को मेडिकल प्रबंधन ने कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे भगा दिया था. जहां बिना इलाज के कई घंटों तक छात्राएं खुले आसमान के नीचे पड़ी रही. इस मामले में बरगी विधायक संजय यादव ने इसे मेडिकल प्रबंधन और सरकार की भारी लापरवाही बताया था.