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मोहन सरकार का बड़ा एक्शन, जबलपुर में धान खरीदी घोटाले में दो अधिकारी सस्पेंड

Two officers suspend in paddy purchase scam in Jabalpur: मोहन यादव सरकार का जबलपुर में बड़ा एक्शन देखने को मिला. धान खरीदी मामले में दो अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं. इन दोनों अधिकारियों पर अवैध तरीके से निजी गोदामों में धान भंडारण कराने का आरोप था. दोनों के खिलाफ जांच चल रही है.

Two officers suspend
जबलपुर में धान खरीदी घोटाले में दो अधिकारी सस्पेंड

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 27, 2023, 7:49 PM IST

जबलपुर। मोहन यादव सरकार का सबसे पहले एक्शन जबलपुर में देखा गया.यहां दो अधिकारियों को धान खरीदी घोटाले के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल जबलपुर में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से धान का भंडारण किया जा रहा था, इस मामले में प्राथमिक जांच के बाद राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.फिलहाल जांच जारी है.

किस पर गिरी गाज:जांच के बाद राज्य सरकार के खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव ने जबलपुर जिला आपूर्ति अधिकारी कमलेश दांडेकर को सस्पेंड कर दिया है. जिला विपणन अधिकारी रोहित बघेल को भी सस्पेंड किया गया है. राज्य विपणन संघ के प्रबंध संचालक ने अपने आदेश में रोहित बघेल पर आरोप लगाया है कि वह भी इस षड्यंत्र में शामिल थे.

क्या है मामला:यह पूरा मामला धान खरीदी से जुड़ा है. आरोप है कि अधिकारियों ने धान खरीदी के बाद उसे निजी गोदामों में स्टोर किया. खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव ने जो आदेश जारी किया है उसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि जबलपुर में 121 खरीदी केंद्र बनने थे. जिनमें से मात्र 85 खरीदी केंद्र ही बने. इसकी वजह से न केवल किसानों को धान बेचने में समस्या हुई बल्कि इसका फायदा धान माफिया ने उठाया. माफिया ने खरीदी केंद्र के अलावा खरीदी शुरू कर दी और निजी गोदाम में धान खरीद कर उसका स्टोर किया जा रहा था.

सरकारी खरीद में बेचने का था प्लान: पूरी संभावना यह थी कि निजी गोदाम में जो धान स्टोर किया जा रहा है वह बाद में सरकारी खरीद में बेच दिया जाता. वहीं निजी गोदाम में जो खरीदी हो रही थी उसमें गुणवत्ता का भी बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा था इसलिए ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि खराब किस्म का धान बड़े पैमाने पर सरकारी खरीद के जरिए शासन को बेचने की साजिश की जा रही थी. ऐसा बताया जा रहा है कि जिस निजी गोदाम में छापा मारा गया उसमें 50000 क्विंटल से ज्यादा धान का स्टोर किया गया था.

इन दोनों ही अधिकारियों के सस्पेंड होने के बाद यह संभावना बनी हुई है कि धान खरीदी घोटाले में और भी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. इन दोनों अधिकारियों के अचानक निलंबन के बाद धान खरीदी का सिस्टम भी प्रभावित होगा और धान खरीदी भी प्रभावित होगी.

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