जबलपुर। सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के प्रिस्क्रिप्शन में महंगी दवाएं तो लिखी जाती थीं लेकिन उन्हें ये दवाएं न देकर वापस मेडिकल स्टोर में ही रख दिया जाता था. यह जानकारी दो दिन पूर्व एसआईटी द्वारा यहां पहुंचकर की गई दस्तावेजों एवं मेडिकल स्टोर की जाँच के बाद सामने आई है. इस तरह का खुलासा होने के बाद दवाओं संबंधी फर्जीवाड़े से भी शासन को जमकर चूना लगाने की बात स्पष्ट तौर पर समझी जा सकती है.
एसआईटी की जांच जारी :गौरतलब है कि सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के पास स्थित होटल वेगा में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुछ दिनों पहले छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान बड़ी संख्या में यहाँ पर शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले ऐसे मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा था, जो कि आयुष्मान कार्डधारी थे और इस दौरान उन्हें प्रतिदिन के मान से भोजन एवं नगदी भी प्रदान कर शासन से राशि ऐंठी जा रही थी. सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल में रोजाना होने वाली गतिविधियों का रिकॉर्ड जिन कम्प्यूटरों की सहायता से सुरक्षित रखा जाता था, उनकी जाँच भी एक्सपर्ट द्वारा ही की जाएगी.