जबलपुर।प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वैसे ताे देश के गरीब जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद कल्याणकारी है. हालांकि अब यह सरकारी योजना कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. जबलपुर में राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल में आयुष्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े का कुछ दिनों पहले खुलासा हुआ था. हॉस्पिटल के सटे होटल में आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का इलाज किया जा रहा था. करीब पांच हजार मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत फर्जी उपचार किया गया. (Crore Rupees Scam in Name of Ayushman Scheme)
एमपी का सबसे बड़ा आयुष्मान योजना फर्जीवाड़ा इलाज के नाम पर शासन से करोड़ों रुपए वसूले:डॉक्टर अश्वनी पाठक ने अपने हॉस्पिटल में ये फर्जी मरीज जबलपुर सहित आसपास जिलों से 1 हजार से लेकर 3 हजार रुपए प्रतिदिन देकर भर्ती किए थे. इस तरह से अश्वनी पाठक ने इन मरीजों के इलाज के नाम पर शासन से करोड़ों रुपए वसूले हैं यह खुलासा एसआईटी द्वारा की जांच में हुआ है. एसआइटी जांच अधिकारी सीएसपी प्रभात शुक्ला ने बताया कि ''डॉक्टर अश्वनी पाठक ने अपने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल व होटल को अस्पताल के रुप में परिवर्तित कर आयुष्मान योजना के तहत पांच हजार फर्जी मरीजों को भर्ती कर इलाज किया''.
5 हजार मरीजों का हुआ फर्जी इलाज Ayushman Scheme Fraud जबलपुर आयुष्मान योजना फर्जीवाड़े को पुलिस ने किया उजागर, एक दिन की रिमांड पर डॉक्टर दंपति
डॉक्टर अश्वनी एक दिन में बनवा देता था आयुष्मान कार्ड: डॉक्टर अश्वनी पाठक द्वारा अस्पताल में आयुष्मान योजना में उस इलाज को प्राथमिकता दी जाती जो मंहगे होते थे. जिन मरीजों को डॉक्टर अश्वनी पाठक द्वारा भर्ती किया जाता उन्हें प्रतिदिन एक से लेकर तीन हजार रुपए तक दिए जाते रहे. यहां तक कि जिन मरीजों के कार्ड नहीं होते उनके कार्ड भी डॉक्टर अश्वनी पाठक द्वारा एक दिन में बनवा दिए जाते रहे. इसमें डॉक्टर अश्वनी पाठक की पत्नी दुहिता पाठक भी साथ देती रही. इस तरह आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा कर डॉक्टर अश्वनी पाठक ने शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है. जांच के लिए अधिकारी अस्पताल व होटल पहुंचे थे, जहां से उन्होंने आयुष्मान योजना से जुड़े दस्तावेज व फाइलें भी जब्त की हैं, जिनकी जांच की जा रही है, जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.
एसआईटी की जांच में खुलासा एसआईटी कर रही दलालों की तलाश:एसआईटी के अधिकारियों द्वारा उन दलालों की भी तलाश की जा रही है जो मरीजों को लेकर सेंट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल तक पहुंचाते रहे हैं. गौरतलब है कि 26 अगस्त को पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल व होटल बेगा पर दबिश दी थी. जहां पर जांच के दौरान होटल के कमरों में फर्जी मरीज आराम करते हुए मिले थे. जिनका आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने का मामला सामने आया था.
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