जबलपुर। जबलपुर डियोसिस के चौथे विषप पीसी सिंह ने फर्जी तरीके से बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डियोसिस की स्थापना की. साल 2004 के पहले यह शैक्षणिक संस्थान नागपुर डियोसिस के अंतर्गत आते थे. पूर्व विषप पीसी सिंह को नागपुर डियोसिस ने पत्रचार किया था परंतु उन्होंने कोई जवाब नहीं देते हुए शैक्षणिक संस्थाओं पर कब्जा कर लिया. पूर्व विषप पीसी सिंह को शैक्षणिक संस्था के संचालन, उनकी जमीन को किराये देने या बेचने सहित अन्य चार पॉवर ऑफ अटॉनी दिये जाने के सवाल पर उन्होने बताया कि यह जबरदस्ती ली गयी है.
Jabalpur Former Bishop पीसी सिंह का एक और फर्जीवाड़ा उजागर, मिशनरी स्कूलों की जमीन पर कब्जा करने की पुष्टि
पूर्व विषप पीसी सिंह का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने (Jabalpur forgery of former Bishop) आया है. बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डियोसिस की स्थापना बिना आधिकारिक अनुमति के उनके द्वारा की गयी थी. संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद उन्होंने सभी मिशनरी स्कूलों की जमीन पर कब्जा कर लिया (land grab of missionary schools) था. इस बात का खुलासा नागपुर डियोसिस के विषप भीम राव डुमारे ने पूछताछ के दौरान ईओडब्ल्यू (EOW))के सामने किया है. ईओडब्ल्यू के डीएसपी तथा प्रकरण के विवेचना अधिकारी स्वर्णजीत धामी ने बताया कि गुरुवार को नागपुर डियोसिस के विषप भीम राव डुमरे से पूछताछ की गयी.
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जबरन पॉवर ऑफ अटॉनी ली :पीसी सिंह ने उन्हें दिल्ली बुलाकर गुंडे के जोर पर पॉवर ऑफ अटॉनी ली थी. बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डियोसिस के अंतर्गत डेढ़ दर्जन से अधिक स्कूल हैं. इन स्कूलों की जमीन का बाजार मूल्य एक हजार करोड़ से अधिक है. जिन पर पूर्व विषप पीसी सिंह अवैधानिक तौर पर कब्जा किये किया. गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने 8 सितम्बर को विषप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी. दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाडिय़ां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे.