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International Yoga Day: उपराष्ट्रपति, राज्यपाल की सुरक्षा में चूक!, योग करते हुए डरकर खड़ी हो गई महिलाएं

जबलपुर के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में ऐसे तो बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई थी लेकिन करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी कार्यक्रम में कई कमियां रह गई. सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में जानें कैसे हुई सुरक्षा में चूक..

International Yoga Day 2023
योग दिवस के कार्यक्रम में घुसा कुत्ता

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Published : Jun 21, 2023, 5:41 PM IST

योग दिवस के कार्यक्रम में घुसा कुत्ता

जबलपुर। अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के कार्यक्रम में जहां उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी योग कर रहे थे उसी वीआईपी एरिया में एक आवारा कुत्ता घुस गया. आवारा कुत्ते की वजह से योग करने वाले डर गए और खास तौर पर महिलाएं बीच योग में खड़ी हो गई. जब इस पर पुलिस की नजर पड़ी तब इसे मैदान से बाहर किया गया लेकिन यह सवाल यह खड़ा होता है कि जिस मैदान में लगभग 500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी और पूरे मैदान को सील कर दिया गया था वहां यह आवारा जानवर कैसे घुस गया.

प्रिंटिंग मिस्टेक:वहीं इस भव्य आयोजन में दूसरी गलती आमंत्रण पत्र की छपाई में सामने आई जिसमें केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम भी गलत ढंग से फग्गल सिंह कुलस्ते लिख दिया गया. इसके साथ ही इस सरकारी आमंत्रण पत्र में जबलपुर के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा और जबलपुर से ही भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि का नाम गायब था.

आमंत्रण पत्र में प्रिंटिंग मिस्टेक

वसुधैव कुटुंबकम का मजाक:एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस को वसुदेव कुटुंबकम के नारे के साथ मना रही है. वहीं दूसरी ओर जबलपुर के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में जबलपुर के महापौर को ही बुलाया नहीं गया और ना ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और विधायक इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में नजर आए 2 दिन पहले ही जबलपुर के महापौर जगत बहादुर अनु ने कहा था कि उन्हें कार्यक्रम का कोई आमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है.

भैया जी स्माइल:इस कार्यक्रम में जहां वीआईपी योग कर रहे थे वहीं दो दर्जन से ज्यादा सरकारी कैमरामैन फोटो खींचते और वीडियो बनाते हुए नजर आए. सूत्रों के मुताबिक इनमें से बहुत से कैमरामैन वीआईपी खुद अपने साथ लेकर चलते हैं. देखने वालों को कुछ ऐसा एहसास हो रहा था कि योग कम हो रहा था और भैया जी स्माइल ज्यादा.

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योग या भाषण :इस राष्ट्रीय आयोजन में सुबह 5:00 बजे से ही बच्चे पहुंच गए थे इनमें ज्यादातर बच्चे स्कूलों की ओर से आए थे और कुछ बच्चे सरकारी हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राएं थे लेकिन भाषण बाजी के चलते कार्यक्रम सात बचकर 5 मिनट से शुरू हो पाया और गर्मी के इस मौसम में सुबह 7:00 बजे ही धूप तपने लगी थी. परेशान बच्चे मजबूरी में भाषण सुनते नजर आए. लोगों का यहां तक कहना था कि उन्हें योग करने के लिए बुलाया गया है या भाषण सुनाने के लिए.

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