जबलपुर।जबलपुर में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल लगातार जारी है. और जूनियर डॉक्टर्स ने काम पर आने से मना कर दिया है. जूनियर डॉक्टर का कहना है कि जब तक सरकार उनकी पूरी मांगें नहीं मान लेती तब तक काम पर नहीं लौटेंगे. जबलपुर में 470 डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल को लेकर जबलपुर के Indian Medical Association के डॉक्टर्स ने भी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का समर्थन किया है. जबलपुर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक साहू का कहना है कि सरकार ने डॉक्टरों का नामांकन रद्द किया है उसे तुरंत वापस लेना चाहिए.
जूनियर डॉक्टर की हड़ताल का Indian Medical Association ने किया समर्थन - जूनियर डॉक्टरों को Indian Medical Association का समर्थन
जूनियर डॉक्टर की हड़ताल को आईएमए (Indian Medical Association) ने समर्थन दिया है. आईएमए ने प्रशासन से कहा कि जूनियर डॉक्टर्स का नामांकन रद्द करने का फैसला गलत है. सरकार को डॉक्टरों की मांगें माननी चाहिए.
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- हड़ताल से अस्पतालों में मची अफरा-तफरी
डॉक्टर दीपक साहू का कहना है कि कोविड-19 दौरान जूनियर डॉक्टर्स ने 24 घंटे ड्यूटी दी है. ऐसे हालात में सरकार का यह रवैया ठीक नहीं है, हालांकि जूनियर डॉक्टर की हड़ताल की वजह से अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है और लोग परेशान हो रहे हैं. बहुत से लोगों ने मरीजों को डिस्चार्ज कर दूसरी जगह शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. मेडिकल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में इलाज की पूरी सुविधा है और किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. मेडिकल प्रबंधन आसपास के जिलों में काम करने वाले सरकारी डॉक्टरों को भी बुलाकर इलाज की सुविधा मुहैया करवा रहा है.