जबलपुर। देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी का क्या महत्व है यह जानने के लिए आजादी का महत्व समझना बेहद जरूरी है. गुलामी की जंजीरों ने किस हद तक देश को जकड़ा हुआ था, उसका उदाहरण था जबलपुर का एक होटल जिसका नाम था रॉयल होटल. ब्रिटिश हुकुमत के समय इस होटल के बाहर एक बोर्ड लगा होता था, जिसकर लिखा होता था (Indian and dogs are not allowed) यानी भारतीय और कुत्तों का यहां आना मना है.
जबलपुर के सिविल लाइन इलाके में है रॉयल होटल
जबलपुर के सिविल लाइन इलाके में खंडहर में तब्दील हो चुकी एक इमारत अंग्रेजी हुकुमत के समय एक बहुत बड़ा होटल होता था. जिसका नाम था रॉयल होटल. देश में एकमात्र होटल थी जिसमें खाना बनाने वाले से लेकर गार्ड तक की नौकरी करने वाला अंग्रेज ही था. इसी इमारत के बाहर भारतीयों को अपमानित करने वाला वह बोर्ड लगा रहता था.
राजा गोकुलदास ने बनावाई थी बिल्डिंग
जबलपुर की यह इमारत काफी ऐतिहासिक है. बताया जाता है कि जबलपुर के राजा गोकुलदास ने अपनी नातिन राजकुमारी बाई को इस महल को तोहफे में दिया था. जब अंग्रेज आए तो उन्होंने गोकुलदास से इस इमारत को ले लिया और यहां रॉयल होटल बना दिया. बताया जाता है कि यह इमारत अंग्रेजों के ऐशो-आराम की जगह हुआ करती थी. रोज रात इस इमारत में पार्टियां हुआ करती थी.