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जबलपुर में RTI के जरिए बड़ा खुलासा, घरों तक पहुंचने वाले पीने के पानी में ईकोलाई और कॉलिफॉर्म बैक्टीरिया

सोशल मीडिया में दूषित पानी के संबंध में एक वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए कांग्रेस नेता सौरव शर्मा ने राइट टू इनफार्मेशन के जरिए पानी की शुद्धता की जांच की रिपोर्ट को निकाला. जिसमें यह पाया गया कि शहर का पानी पीने योग्य नहीं है.

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Published : Mar 6, 2019, 10:49 AM IST

दूषित पानी की समस्या

जबलपुर। सोशल मीडिया में इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें शहर के आम नागरिक को दूषित पानी की समस्या से जूझता हुआ दिखाया गया है. कांग्रेस नेता सौरव शर्मा ने राइट टू इनफार्मेशन के जरिए पानी की शुद्धता की जांच की रिपोर्ट को निकाला, जिसमें साफ तौर पर यह पाया गया कि शहर का पानी पीने योग्य नहीं है.


वायरल वीडियो में दिखाया गया कि एक बच्चा दूषित पानी पी लेता है और उसकी तबियत खराब हो जाती है और उसे खून की उल्टियां होने लगती है और इस बिमारी की वजह दूषित पानी बताया गया. जबलपुर के कांग्रेस नेता सौरव शर्मा ने दूषित पानी के इस वीडियो की पड़ताल की और नगर निगम से राइट टू इनफार्मेशन के जरिए पानी की शुद्धता की जांच को लेकर की जाने वाली रिपोर्ट को निकाला.

दूषित पानी की समस्या


इन रिपोर्ट्स से एकदम स्पष्ट है कि नगर निगम घरों तक जो पानी पहुंचा रहा है उस पानी में मल मूत्र में पाए जाने वाला ईकोलाई और कॉलिफॉर्म बैक्टीरिया बड़ी तादाद में मौजूद है. पानी की टंकियों में जो पानी है वह साफ है, लेकिन घरों तक जो पानी पहुंच रहा है वह बीच में कहीं दूषित हो रहा है और यही दूषित पानी लोग खाने पीने में इस्तेमाल कर रहे हैं.


सौरभ शर्मा ने राइट टू इनफार्मेशन में यह जानकारी भी निकाली है कि जबलपुर नगर निगम ने बीते 5 सालों में लगभग 100 करोड़ रूपया पाइपलाइन के रखरखाव में खर्च किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि आखिर इतना सारा पैसा खर्च करने के बाद भी नाले का गंदा पानी वाटर सप्लाई में कैसे मिल रहा है. जबलपुर के कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को प्रदेश सरकार के सामने उठाने का मन बना लिया है और कांग्रेस का एक दल मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा रख कर इसके निवारण की बात करेगा.

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