जबलपुर। शहर में दुर्गा पूजा के बाद विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया है. हनुमान ताल, ग्वारीघाट के कुंड और तिलवारा घाट में मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है. इस दौरान लगातार प्रशासन के द्वारा घाटों को सैनिटाइज भी किया जा रहा है.
जबलपुर में शुरू हुआ प्रतिमाओं का विसर्जन जबलपुर में शुरू हुआ विसर्जन
जबलपुर में कई जगहों पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. शहर के भीतर ही हनुमान ताल में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की शुरुआत होती है, इसके साथ की जबलपुर के नर्मदा के कई घाटों पर भी विसर्जन किया जाता है. हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद नर्मदा नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसलिए ग्वारीघाट में भटौली घाट के पास एक कुंड बनाया गया है, जिसमें विसर्जन किया जाता है. कुछ ऐसी ही व्यवस्था तिलवारा घाट में भी की गई है.
कुछ समय पहले विसर्जन पर हुई थी झड़प
कुछ साल पहले महाकाली की प्रतिमा को नर्मदा नदी में विसर्जित करने की जिद पर पुलिस और समिति के लोगों के बीच झगड़ा हो गई थी, इसमें कई लोग घायल हुए थे. पुलिस को भी नुकसान हुआ था. पूरे इलाके में धारा- 144 लगानी पड़ी थी और कई प्रतिमाओं का विसर्जन पुलिस को करना पड़ा था. इसलिए प्रशासन भी विसर्जन में कोई जोखिम उठाना नहीं चाह रहा है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है.
घाटों को किया जा रहा सैनिटाइज
इस साल कोरोना वायरस की वजह से विसर्जन के समय एक नई बात देखने को मिली, घाट पर एक प्रतिमा के विसर्जन के बाद जैसे ही दूसरी प्रतिमा आती है, पूरे घाट को सैनिटाइज किया जा रहा है. वहीं तालाब में जवारे और प्रतिमाओं के विसर्जन की वजह से जो सामग्री रह जाती है उसे भी तुरंत ही तालाब से निकालने की व्यवस्था की गई है. वहीं कोरोना वायरस की वजह से लोगों से कम से कम तादाद में विसर्जन के लिए आने को कहा गया है, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हैं और जरूरत से ज्यादा तादाद में पहुंच रहे हैं.
हालांकि जबलपुर में कोरोना मरीजों की संख्या घटी है. इसलिए समाज में वायरस का डर थोड़ा कम हुआ है. विसर्जन का सिलसिला आने वाले 2 दिनों तक लगातार चलेगा. प्रशासन की कड़ी हिदायत के बाद भी बहुत से लोग सड़कों पर घूमने के लिए निकले हुए हैं.