जबलपुर। कोरोना से हो रही तबाही अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है. जैसे ही आम जनता को लगता है की कोरोना खत्म होने के कगार पर आ गया है, वैसे ही देश में कोरोना की लहर फिर से दस्तक दे देती है. कोरोना की दो लहर ने जिस तरह से तबाही मचाई थी उसको देखते हुए सरकारें अब तीसरी लहर से निपटने के लिए अलर्ट मोड़ में आ गई हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अमले को निर्देश दिए हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े तमाम इंतजाम किए जाएं. जबलपुर संभाग के सभी जिला स्वास्थ्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संयुक्त निदेशक (joint director health MP) स्वास्थ्य ने निर्देश दिये हैं कि, अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पूरी तैयारी की जाए.
बच्चों के निजी अस्पताल भी अलर्ट
स्वास्थ विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में इंतजाम लगभग पूरे हो चुके हैं. इसके अलावा जिलों में बच्चों के निजी अस्पतालों को भी अलर्ट किया गया है. मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों के भी पीडियाट्रिक वार्ड्स (pediatric ward) को अलर्ट मोड (alert mode) में रखा गया है. जहां आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को भर्ती किया जा सकता है. ज्वाइंट डायरेक्टर ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था है और कहीं भी संकट जैसी स्थिति नहीं बनेगी.
कोरोना से बचाव को लेकर कितना तैयार है जबलपुर का स्वास्थ्य विभाग, Etv Bharat का रियालिटी चेक - arrangements related to the health of the children
मध्य प्रदेश की सरकार कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अलर्ट मोड़ में आ गई है. स्वास्थ्य विभाग के अमले को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े तमाम इंतजाम तत्काल दुरुस्त किए जाएं. जिला अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां पूरी होने के दावे किए जा रहे हैं.
जबलपुर जिला अस्पताल में PICU-ICU तैयार
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जबलपुर जिला अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी कर ली गई है. ICU(intensive care unit) में बच्चों के लिए जहां 23 बेड ऑक्सीजन के साथ उपलब्ध हैं, तो वहीं 8 बेड PICU (pediatric intensive care unit) के हैं, जहां ऑक्सीजन के साथ अब वेंटीलेटर भी हैं. स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने Etv Bharat से बात करते हुए बताया कि बच्चों के लिए PICU हर जिले में पहले से ही उपलब्ध है. इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सिविल अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड उपलब्ध किए जा रहे हैं और सारे इंतजाम 10 दिनों में मुकम्मल है जाएंगे.