जबलपुर।होली के दूसरे दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है. चित्रगुप्त महाराज लेखा जोखा के देवता माने जाते हैं. जबलपुर में भगवान चित्रगुप्त का ढाई सौ साल पुराना मंदिर है. यहां होली के ठीक दूसरे दिन कायस्थ समाज के लोग विशेष रूप से पूजन अर्चन करने आते हैं. भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र चित्रगुप्त महाराज के बारे में कहा जाता है कि इनका जन्म भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते हैं. हिंदुओं में अक्सर आपने कहते हुए सुना होगा एक दिन सब के पापों का हिसाब होगा जब ऐसा कहा जाता है. तब दरअसल हम चित्रगुप्त महाराज के बारे में बात कर रहे होते हैं.
100 साल से चित्रगुप्त महाराज की पूजा :गरुड़ पुराण में इस बात का उल्लेख है कि यमलोक में पहुंचने वाले हर आत्मा का हिसाब किताब रखा जाता है और पाप पुण्य के हिसाब से उसकी दशा तय होती है कि वह स्वर्ग जाएगा या नरक जाएगा. यह काम यमलोक में चित्रगुप्त महाराज करते हैं. जबलपुर के अलावा खजुराहो में भी भगवान चित्रगुप्त का सदियों पुराना मंदिर है. भारत के अलावा थाईलैंड में भी हिंदू मंदिरों में चित्रगुप्त महाराज की पूजा की जाती है. कुछ लोगों को इस बात पर भरोसा ना हो लेकिन एक दिन सब का हिसाब होगा यह बात समाज में नैतिकता बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है और इस डर से लोग पाप करने से बचते हैं. इसीलिए जबलपुर में बीते लगभग 100 सालों से चित्रगुप्त महाराज की पूजा होती है. यहां फूटा ताल के पास एक छोटा सा मंदिर है. इसका निर्माण जबलपुर के पुराने मालगुजार ने करवाया था. तब से इस मंदिर की पूजा पाठ का सिलसिला बदस्तूर जारी है. होली के दूसरे दिन यहां विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है और खास तौर पर कायस्थ समाज के लोग यहां पहुंचते हैं.