जबलपुर। शाजापुर के एक निजी अस्पताल ने पैसे ना चुकाने पर 80 साल के एक बुजुर्ग को पलंग से बांध दिया था. दिल्ली के वरिष्ठ वकील डॉ. अश्वनी कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र भेजकर शाजापुर के निजी अस्पताल में बिल का भुगतान ना होने पर एक बुजुर्ग को बंधक बनाकर रखे जाने का आरोप लगाया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामला प्रदेश के हाई कोर्ट को भेजा था और यहां इसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में की जा रही है. वहीं इस मामले के साथ हाईकोर्ट ने दो हस्तक्षेप याचिका पर भी सुनवाई की और कोरोना का निजी अस्पताल में महंगे इलाज को लेकर निजी अस्पतालों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मंशा जताई है.
याचिका की सुनवाई के दौरान दो हस्तक्षेप याचिकाएं भी दायर की गई हैं. ये हस्तक्षेप याचिकाएं कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों के इलाज की महंगी दर और राज्य सरकार के इस मसले पर गाइडलाइन बनाने के लिए दायर की गई है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस सुजय पाॅल की बैंच ने निजी अस्पतालों को लेकर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कोरोना के महंगे इलाज पर राज्य सरकार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिंग होम एसोसिएशन से जवाब मांगा है.