जबलपुर। पीएससी परीक्षा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा परिणाम तथा राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 में किए गए संशोधन में कोर्ट का बड़ा निर्णय आया है. याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को लिखित में अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है. साथ ही आदेश दिए हैं कि जस्टिस संजय द्विवेदी वानी बेंच के समक्ष उक्त याचिका को प्रस्तुत नहीं किया जाए. युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई 26 अप्रैल को निर्धारित की है.
अनारक्षित वर्ग के 26 गुना से ज्यादा चयनित
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि अनारक्षित सामान्य सीटों पर आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थीयों का चयन किए जाने का सामान्य नियम है. पीएससी ने उक्त सीटों पर सिर्फ सामान्य वर्ग के ही अभ्यर्थीयों का चयनित किया है. प्रारंभिक परीक्षा में एक पद के विरूद्ध 15 गुना अभ्यर्थीयों को चयनित करने का नियम है, लेकिन पीएससी ने अनारक्षित वर्ग को 26 गुना से ज्यादा चयनित किया गया है. प्रदेश में एसटी, एससी, ओबीसी तथा ईडब्लूयएस वर्ग के लिए 73 प्रतिशत आरक्षण है. अनारक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिषत आरक्षित किए गए है, जिससे कुल आरक्षण 113 प्रतिशत पहुंच जाएगा.