जबलपुर।शराब दुकानों के मुद्दे पर एक बार फिर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हालांकि सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है लेकिन फिर भी हाईकोर्ट ने शराब दुकानदारों को राहत दी है. हाईकोर्ट का कहना है कि जो भी दुकानदार नई परिस्थितियों में नई शर्तों के साथ दुकानें चालू करना चाहते हैं. वह तीन दिनों के भीतर सरकार को एक शपथ पत्र दें. बाकी लोग जो इन परिस्थितियों में दुकान नहीं खोलना चाहते हैं. उनसे नुकसान की कोई राशि नहीं वसूली जाएगी और उन इलाकों में नए सिरे से राज्य सरकार टेंडर कर सकती है.
हाईकोर्ट ने शराब ठेकेदारों को दी राहत, चाहे तो छोड़ सकते हैं ठेका - Contractors can leave the contract if they want
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शराब ठेकेदारों को राहत देते हुए कहा कि ठेकेदार चाहे तो ठेका छोड़ सकते हैं. सरकार नुकसान की राशि नहीं वसूल सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि जिन्हें दुकान चलानी है वह तीन दिनों में हलफनामा दें.
अभी पुरानी शर्तों के अनुसार यदि कोई भी ठेकेदार ठेके के बाद शराब दुकान छोड़ता है. तो उसे ठेके की पूरी राशि सरकारी खजाने में जमा करनी पड़ती थी लेकिन अब हाईकोर्ट ने शराब दुकानदारों को यह छूट दे दी है कि उनसे यह राशि नहीं वसूली जाएगी.
कोरोना संकट काल में शराब दुकानदारों ने हाथ खींच लिए थे क्योंकि लंबे समय से दुकानें बंद थी और अब सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से पीने पिलाने का चलन भी बदल गया है. इसलिए शराब ठेकेदार दुकान चलाना नहीं चाहते हालांकि इस बीच में शराब की जमकर कालाबाजारी हुई है, जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 तारीख के लिए नियत की गई है.