जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने गौर क्षेत्र अंतगर्त पिंडरई-चहचही मार्ग और सार्वजनिक कुएं पर अतिक्रमण किए जाने संबंधित याचिका का हाईकोर्ट के पटाक्षेप कर दिया. चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने जबलपुर कलेक्टर को निर्देशित किया है, वे आवेदक के अभ्यावेदन विधि अनुसार निराकरण करें, यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो उस पर अनावेदकों को सुनवाई का अवसर देते हुए तत्काल कार्रवाई के संबंध में निर्णय ले.
हाई कोर्ट ने कलेक्टर को कुएं से अतिक्रमण हटवाने के दिए निर्देश
हाई कोर्ट ने पिंडरई-चहचही मार्ग और सार्वजनिक कुएं पर अतिक्रमण पाए जाने पर उसे हटाने के निर्देश दिए हैं. अतिक्रमण के संबंध में एक याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई थी.
समाधी रोड चहचही-पिंडरई निवासी ग्राम पंच शिववती गौड़ की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि अनावेदक कमला प्रसाद यादव व चंद्रिका प्रसाद ने चहचही-पिंडरई मार्ग को बंद कर दिया है. इतना ही नहीं आरोप है कि अनावेदकों ने शासकीय जमीन में अतिक्रमण कर कब्जा कर रखा है. इसके अलावा सार्वजनिक कुएं से पूरे ग्राम पंचायत को पीने का पानी सप्लाई होता है, उस पर जबरन मशीन डालकर उसका प्रयोग डेयरी के उपयोग के लिये किया जा रहा है. मामले की शिकायत पर 23 नवंबर 2020 को तहसीलदार ने तत्काल कार्रवाई के आदेश देते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये थे. इसके बाद कोई कार्रवाई न होने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिये थे. जिसके बाद भी पुलिस ने अनावेदकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की. जिसके बाद यह जनहित याचिका दायर की गई है. मामले में प्रमुख सचिव राजस्व, कलेक्टर व एसपी जबलपुर, एसडीओ, तहसीलदार व कमला प्रसाद यादव व चंद्रिका प्रसाद यादव के साथ-साथ बरेला थाना पुलिस को पक्षकार बनाया गया है. मामले की सुनवाई के बाद सुरक्षित अपने फैसले को सुनाते हुए न्यायालय ने उक्त निर्देश के साथ मामले का पटाक्षेप कर दिया.