जबलपुर। जिले के ग्रामीण इलाकों में हाईटेक तरीके से सर्वे कराया जा रहा है. दरअसल ड्रोन से गांव का आबादी सर्वे किया जा रहा है. ड्रोन के माध्यम से गांव के कई आयामों से फोटो खींचे जा रहे हैं, ताकि इसका इस्तेमाल कर गांव का नक्शा बनाया जा सके. केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत इस सर्वे को किया जा रहा है. इस योजना के जरिए आबादी भूमि में रहनेवाले लोगों को सरकार मालिकाना हक दे रही है.
जबलपुर गांव में आबादी सर्वे में ड्रोन का इस्तेमाल छिंदवाड़ा में 116 दिनों बाद कोरोना की दस्तक! नया वैरिएंट मिलते ही बढ़ी सतर्कता
ड्रोन के जरिए आबादी सर्वे
जबलपुर गांव के आसमान में ड्रोन उड़ते दिख रहे हैं. लोगों के लिए जहां ये कौतूहल का विषय रहा, वहीं सरकार इस हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल आबादी सर्वे में कर रही है. हेलिकॉप्टर के आकार वाला ड्रोन, आसमान से गांव के कई आयामों से फोटो खींच सकता है और इन फोटो के आधार पर गांव का नक्शा बनाया जा सकेगा. ऑटो पायलट मोड पर चलने वाला ड्रोन जमीन पर बने हुए घरों के आसपास की फोटो लेता है और रिमोट से तकरीबन 4 किलोमीटर तक यह आ-जा सकता है. भारतीय सर्वे ऑफ इंडिया की टीम के सर्वेक्षक ने बताया कि ड्रोन के जरिए आंकड़ों में एक्यूरेसी बहुत रहती है. साथ ही समय भी बचता है.
जबलपुर गांव में आबादी सर्वे में ड्रोन का इस्तेमाल स्वामित्व योजना के तहत सर्वे
दरअसल लंबे समय से गांव में रहने वाली आबादी के पास उनके घरों के पट्टे नहीं हैं. ऐसी आबादी ज्यादातर सरकारी जमीन पर रह रही है. इसलिए केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत लोगों को सरकारी जमीन के अधिकार पत्र देने का फैसला किया है और इसे लेकर ड्रोन के जरिए आंकड़े इकट्ठे किये जा रहे हैं. इस काम को करने के लिए भारतीय सर्वे ऑफ इंडिया की टीम हाई डेफिनिशन कैमरे से लैस अत्याधुनिक ड्रोन को गांव के ऊपर से भेजती है और गांव के फोटो लिए जाते हैं. इन फोटो के आधार पर घरों के स्पष्ट नक्शे तैयार होते है.