जबलपुर। प्रदेश में बढ़ रही ब्लैक फंगस महामारी की रोकथाम और उपचार के लिए हाईकोर्ट में दायर हस्ताक्षेप आवेदन की सुनवाई के सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में बताया गया है उपचार में उपयुक्त अम्फोटेरिसिन-बी और लियोसोमल इंजेक्शन की किल्लत है. इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है.
इंदौर की समाजसेवी संस्था शांति मंच और अन्य की तरफ से प्रदेश में बढ़ती ब्लैक फंगस महामारी के खिलाफ आवेदन दायर किया गया था. आवेदन में कहा गया है कि ब्लैक फंगस महामारी प्रदेश में बड़ी तेजी से फैल रही है. शासकीय और प्राइवेट अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोग होने वाली दवाईयां और इंजेक्शन की सरकार उपलब्धता सुनिश्चित करें. समय पर दवाई तथा इंजेक्शन मिलने से मरीजों की जान बच सकें, इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपचार और सर्जरी के लिए सरकार दर निर्धारित करें.
आवेदन में मांग की गई थी कि 15 लाख से कम सलाना आय वाले परिवारों के लिए ब्लैक फंगस का मुफ्त उपचार सुनिश्चित करें. आयुष्मान, बीपीएल और एपीएल कार्डधारियों का उपचार भी मुफ्त में किया जाये. केन्द्र सरकार की जारी एडवायजरी का पालन प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में सुनिश्चित किया जाये. इसके अलावा उपचार में उपयोग होने वाली दवाईयों और इजेक्शन की कालाबाजारी रोकने आवश्यक कदम उठाये जाये.