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HC में विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई 15 जनवरी तक टली - सुप्रीम कोर्ट

सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमों के निपटारे के मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई, लेकिन ये रिपोर्ट हाई कोर्ट के रिकॉर्ड में शामिल नहीं हुई, जिसके चलते अगली सुनवाई 15 जनवरी के लिए बढ़ा दी गई है.

Hearing on criminal cases of MLAs and MPs postponed
आपराधिक मामलों की सुनवाई टली

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Published : Dec 15, 2020, 6:58 PM IST

जबलपुर। आज जबलपुर हाई कोर्ट में वीआईपी मामलों से जुड़ी सुमोटो याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें केसों के निपटारे की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई, जो 14 तारीख को जमा की गई थी, लेकिन ये हाई कोर्ट के रिकॉर्ड में शामिल नहीं हुई, जिसकी वजह से सुनवाई 15 दिसंबर के लिए बढ़ा दी गई है.

वीआईपी मामलों की सुनवाई

विधायकों और सांसदों के खिलाफ मध्यप्रदेश में अभी भी 192 मामले विचाराधीन हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की तुरंत सुनवाई कर खत्म करने का आदेश दिया था. इसी आदेश के बाद हाई कोर्ट ने एक सुमोटो याचिका दायर की. भोपाल में विधायकों और सांसदों के मामलों की त्वरित निपटारे के लिए एक स्पेशल अदालत शुरू की गई, जिसमें लगातार सुनवाई चल रही है, लेकिन अभी भी 192 मामले विचाराधीन हैं, जिस पर सुनवाई चल रही है.

192 मामलों के आंकड़े

  • अपराधी के बयान 14 मामले
  • अपराधी की उपस्थिति 23
  • मामले हाई कोर्ट तक फाइल ना पहुंचने का 1 मामला
  • आरोप पर बहस के 11 मामले
  • अंतरिम आवेदन के 3 मामले, काउंटर केस का एक आवेदन कर्ता के साक्ष्य या गवाही के 29 मामले
  • प्रतिरक्षा का 1 मामला
  • गवाहों की पेशी के 61 मामले
  • अंतिम बहस के लिए 27 मामले
  • आरोप पर बहस के लिए 8 मामले

    इस तरह लगभग 192 मामले विचाराधीन हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के खिलाफ हैं, जिसमें चेक बाउंस के केस हैं. वहीं पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के वकील का कहना है कि, जल्द ही सुरेंद्र पटवा की एक संपत्ति का निपटारा होने वाला है. इसके बाद चेक बाउंस के तमाम मामलों में पैसा वापस कर दिया जाएगा.
  • अंतिम बहस वाले मामलों में जल्द निपटारा होगा

इसमें 27 मामले अंतिम बहस के लिए रखे गए हैं. अगर बहस पूरी हो जाती है, तो इन पर जल्द ही कोर्ट निपटारा भी कर देगी. जिस तरीके से यह सुनवाई चल रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि जल्द ही यह वीआईपी केस खत्म हो जाएंगे.

जिस तरीके से स्पेशल कोर्ट ने काम किया है और वीआईपी मामलों को खत्म करने की कोशिश की है. अगर इसी तरह से दूसरे मामलों में भी त्वरित सुनवाई की जाए, तो सालों से अदालतों का चक्कर काटने वाले लोगों को भी निजात मिल जाएगा.

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