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टैक्स में छूट की मांग को लेकर बस ऑनर्स एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

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Published : Jul 7, 2020, 6:55 AM IST

Updated : Jul 7, 2020, 7:35 AM IST

बस ऑनर्स एसोसिएशन की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर टैक्स में छूट देने की मांग की गई है. बस संचालकों की दलील है कि, जब लॉकडाउन के दौरान बसों को संचालन नहीं हुआ, तो उन्हें टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. जस्टिस वीके शुक्ला की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई की.

Hearing in the High Court
याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

जबलपुर। बस ऑनर्स एसोसिएशन की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर टैक्स में छूट देने की मांग की गई है. बस संचालकों की मांग है कि, जब लॉकडाउन के दौरान बसों को संचालन नहीं हुआ, तो उन्हें टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 21 के प्रावधान के अंतर्गत टैक्स छूट के संबंध में अतिरिक्त महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली को सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त कर जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. अगली सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की गई है.

मध्य प्रदेश बस ऑनर्स एसोसिएशन के प्रदेश सचिव वीरेंद्र कुमार साहू के साथ भोपाल, उज्जैन, विदिशा, सागर, जबलपुर के 25 बस ऑपरेटर्स ने संयुक्त रूप से उक्त याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि, 24 मार्च 2020 से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पूरे देश सहित प्रदेश की हजारों बसों का संचालन बंद हो गया था. रोड ट्रांसपोर्ट का पूरा ढांचा बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए वाहनों के फिटनेस, परमिटों, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण इत्यादि की तिथि 30 जून तक बढ़ाने समेत कमर्शियल वाहनों का टैक्स दायित्व निलंबित करने की सलाह दी थी, जिससे ट्रांसपोर्टर आदि को कठिन परिस्थितियों का सामना न करना पड़े. प्रदेश के परिवहन आयुक्त ने परमिट आदि की तिथि तो 30 जून तक बढ़ा दी, लेकिन करों में छूट के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 21 के प्रावधान के अंतर्गत टैक्स छूट के संबंध में सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त कर जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली तथा याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी के साथ आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी व आनंद शुक्ला ने पैरवी की.

Last Updated : Jul 7, 2020, 7:35 AM IST

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