जबलपुर।हाईकोर्ट में पेंशन और पे-स्केल को लेकर शिक्षाकर्मियों की तरफ से लगाई गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख जुलाई के पहले हफ्ते में तय की है. बता दें, प्रदेश के 27सौ से ज्यादा शिक्षाकर्मी राज्य सरकार से पेशन की मांग कर रहे हैं. जिसे लेकर उनकी तरफ से याचिका लगाई गई है.
राज्य सरकार पर शिक्षकों के गंभीर आरोप
यह याचिका बालाघाट, छतरपुर, सिवनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा और रायसेन के सैकड़ों शिक्षाकर्मियों की तरफ से दायर की गई है. जिसमें आरोप है कि राज्य सरकार सालों से उनकी पुरानी पेेंशन और पे-स्केल की मांग को नजरअंदाज करती आ रही है. आवेदकों का कहना है कि वर्ष 1998 में हुई भर्ती से राज्य सरकार अलग-अलग समय पर उनके पदनाम बदलती आ रही है. आवेदकों का कहना है कि भर्ती के बाद वर्ष 2000 के बाद उन्हें नियमित किया गया, जिसके बाद उन्हें अध्यापक नाम दिया गया. बाद में पदनाम बदलकर शिक्षक कर दिया गया, लेकिन उन्हें पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है. आवेदकों का कहना है कि उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए, ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2005 के लगे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है.
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मामले में प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी विभाग, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, उप सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय सहित जबलपुर, छिंदवाड़ा, रायसेन, सिवनी, छतरपुर और बालाघाट के जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को पक्षकार बनाया गया है. मामले में सोमवार को हुई सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, अधिवक्ता वरुण तन्खा और अधिवक्ता राहुल गुप्ता ने पैरवी की.