मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पीएससी भर्ती को लेकर HC में सुनवाई, मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग

पीएससी भर्ती को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जिसपर 4 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी.

Hearing in HC regarding PSC recruitment
पीएससी भर्ती को लेकर HC में सुनवाई

By

Published : Jan 28, 2021, 8:50 AM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग-2019 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को कटघरे में खड़ा कर दिया है, साथ ही चयन प्रकिया सहित भर्ती प्रकिया पर भी रोक लगा दी गई है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने यह फैसला सुनाया है, मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी.

  • पीएससी परीक्षा के परिणाम को लेकर HC में चुनौती

बता दें कि यह मामला अपाक्स संगठन सहित एससी, एसटी, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों की ओर से दायर की गई है, जिसमें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा प्रारम्भिक परीक्षा 2019 का 21 दिसंबर की वैधानिकता सहित मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा नियम 2015 के संशोधन 17 फरवरी 2020 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है.

  • परीक्षा परिणाम के बाद नियमों का पालन नहीं !

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उक्त चारो केटेगीरी के आरक्षित अभ्यर्थियों के मेरिट में अंक अधिक होने के बावजूद भी उन्हें अपनी ही केटीगिरी में समाहित किया गया है, जबकि नियमानुसार अधिक अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित में ट्रांसफर करने का प्रावधान है, इसके बावजूद पीएससी ने नियमों को दरकिनार करते हुए सभी आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों को उनकी ही केटेगीरी में रखा है, जिससे ओबीसी एवं अनारक्षित की कट ऑफ 146-146 अंक हैं और पीएससी ने 113 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है, जो अचंभित है, जिसमें सामान्य वर्ग के लिये 40 फीसदी, ओबीसी के 27, एससी के लिये 16 व एसटी के लिये 20 व ईडब्ल्यूएस के लिये 10 फीसदी जिससे कुल आरक्षण 113 फीसदी हो गया है, जो कि अवैधानिक है.

  • मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग

याचिका में कहा गया गया कि पीएससी द्वारा ली जाने वाली मुख्य परीक्षा को स्थगित किया जाए, मामले में प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग व लोक सेवा आयोग सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है, मामले में 21 जनवरी को सुनवाई बाद न्यायालय ने परिणाम, चयन व भर्ती प्रकिया पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद 25 जनवरी को पीएससी ने एक आवेदन दायर कर आदेश स्पष्ट किये जाने की राहत चाही थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने स्पष्ट करते हुए संशोधित आदेश में उक्त भर्ती प्रकिया को याचिकाओं अंतिम निर्णय के अधीन रखने के निर्देश दिये हैं, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक शाह पैरवी कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details