जबलपुर। क्या वाकई जबलपुर शहर का विकास हो रहा है, इसका दंभ भरने वाले जनप्रतिनिधियों के मुंह पर एक करारा तमाचा है अमनप्रीत की मौत. दरअसल, अमनप्रीत नाम का शख्स एक हादसे का शिकार हो गया और डॉक्टर्स ने उसे तत्काल दिल्ली ले जाने की सलाह दी. लेकिन इतने बड़े शहर में एक एयर एंबुलेंस तक नहीं है, जिसके चलते युवक की जान चली गई. मामले ने जबलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने भी ट्वीट कर चिकित्सा व्यवस्था को आड़े हाथ लिया है.
सही समय पर मिल जाती एयर एंबुलेंस तो बच जाती जानबताया जाता है कि जबलपुर रांझी निवासी अमनप्रीत सिंह सोमवार को बाइक से घर से बैंक जाने के लिए निकला था,रास्ते में कोई नुकेली चीज उनकी एक आंख को भेदते हुए आरपार हो गई. आनन-फानन में स्थानीय लोग और परिजन इलाज के लिए जबलपुर अस्पताल लेकर आते हैं. जहां डाॅक्टर मरीज की हालत को गंभीर बताकर जल्द से जल्द दिल्ली जाने की सलाह देते हैं. परिजन अमनप्रीत को दिल्ली ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस बुक करते है, लेकिन अगले दिन के लिए बुकिंग हो पाई. दूसरे दिन जब एयर एंबुलेंस से अमनप्रीत को दिल्ली ले जाया जा रहा था तो रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.
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क्या जबलपुर में नहीं था ऐसा अस्पताल जो बचा सकता था अमनप्रीत की जान
मामले को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने जबलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था और विकास के दावों को आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि जबलपुर में ऐसी चिकित्सा व्यवस्था नहीं है जहां की गंभीर बीमारियों का इलाज हो सके.जबलपुर के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली-नागपुर जाना पड़ता है. यह नाकामी है कि आज भी जबलपुर में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर नहीं है. बता दें कि जबलपुर में 50 से ज्यादा अस्पताल हैं, जिनमें कई तो गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं पर जब हकीकत सामने आई तो दावे धरे-के-धरे रह गए.
(Congress MP Vivek Tankha) (jabalpur air ambulance)