जबलपुर। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ प्रदीप अरोड़ा का कहना है कि H3N2 वायरस का संक्रमण 5 साल तक के बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से जुड़े हुए जो शोध पत्र सामने आ रहे हैं उनके अनुसार यदि 5 साल तक के बच्चे में आप यह लक्षण देखें कि उसकी सांस तेज चल रही है और उसको जुकाम हो रहा है तो देर ना करें यह H3N2 वायरस का हमला हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं, इसलिए उन्हें सही इलाज नहीं मिल पाता हैं. वहीं डॉक्टरों की सलाह है कि कोरोनावायरस में जिस गाइडलाइन का पालन किया गया था, उसी तरह की गाइडलाइन का पालन इस वायरस के संक्रमण को रोकता है. फिलहाल राहत की बात है कि जबलपुर से H3N2 वायरस का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन तेजी से बढ़ते कोरोनावायरस और ओमीक्रोन वायरस के मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.
वायरल फ्लू में बैक्टीरियल इलाज भी जरूरी:वहीं एक मिथक यह है कि वायरल फ्लू अपने आप ठीक हो जाता है, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि "यह बात सही है कि वायरल फ्लू अपनी साइकिल खत्म करने के बाद खुद-ब-खुद खत्म हो जाता है, लेकिन जब तक यह शरीर में मौजूद रहता है तब तक शरीर को इतना कमजोर कर देता है कि इसमें बैक्टीरियल इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है. वायरल फ्लू की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं होती, लेकिन बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से लोगों को समस्या खड़ी हो जाती है और दूसरी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं."