Organ Donation Mahadan: जबलपुर में बनाया गया अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर, भोपाल भेजा जा रहा है रमेश शराफ का लिवर
Green Corridor in Jabalpur: जबलपुर से रमेश शराफ जी के शरीर के अंगों को भोपाल बाया-रोड लाया जा रहा है, इसके साथ ही जबलपुर पुलिस ने मेट्रो अस्पताल से हेलीकॉप्टर तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था, इसमें जबलपुर पुलिस अपनी अहम भूमिका निभाई और हर उस सड़क पर पुलिस बल तैनात किया, जहां से इस एंबुलेंस को ले जाना था.
भोपाल/जबलपुर। जबलपुर के ब्रैन डेड मरीज रमेश शराफ का लिवर भोपाल के एक मरीज को लगाया जाना है, जिसके लिए जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल और भोपाल से एक निजी अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. फिलहाल लिवर लेने के लिए चिकित्सकों की टीम जबलपुर पहुंची थी, जो लिवर लेकर बाया रोड भोपाल के लिए निकल चुकी है. सुबह 4 बजे तक रमेश शराफ का लिवर भोपाल पहुंच जाएगा, जो भोपाल के अस्पताल में भर्ती मरीज को लगाया जाएगा.
भोपाल के मरीज को लगाया जाएगा लिवर:जबलपुर में 19 सितंबर को ब्रैन ट्यूमर के एक 64 वर्षीय मरीज को भर्ती किया गया था, लेकिन ब्रैन डेड होने के के चलते उनके परिजनों ने मरीज के अंग को डोनेट करने की इच्छा जताई थी. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने तैयारी की और NOTTO अंग के डोनेशन के बारे में सूचना दी और इसकी टीम से अप्रूवल मिलने के बाद अब मरीज का लिवर भोपाल के मरीज को लगाया जाना है.
जबलपुर पहुंची टीम:इस ब्रैन डेड मरीज के लिवर को लेने के लिए भोपाल से टीम जबलपुर पहुंच गई है, जबलपुर में तमाम जांचों के बाद यह टीम वहां से रवाना हुई. टीम में शामिल डॉक्टर गुरु सागर सिंह का कहना था कि "जो ब्रैन डेड पेशेंट है, उसके परिवार ने अंग डोनेट की इच्छा जताई थी. इसके लिए हमारी टीम जबलपुर पहुंची है और अब हम जांच के बाद अंग लेकर भोपाल के लिए निकल रहे हैं."
मुख्यमंत्री ने की मदद:भोपाल से जबलपुर टीम के जाने और वहां से अंग लेकर आने के लिए बड़ी परेशानी का सामना डॉक्टर को करना पड़ रहा था, ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय में संपर्क किया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मदद की और अपना हेलीकॉप्टर अंग लेने के लिए दिया. इस हेलीकॉप्टर से यह तमाम डॉक्टर जबलपुर पहुंचे. जबलपुर में हेलीकॉप्टर से टीम 5:00 बजे के लगभग पहुंची थी, जिसके बाद वहां जांच आदि का सिलसिला चलता रहा. इसके बाद किन्हीं कारणों से हेलीकॉपटर से लिवर नहीं ले जाया जा सका और आखिर में टीम बाया रोड़ लिवर लेकर निकली. फिलहाल ये लिवर बंसल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को दिया जाएगा, जहां उसकी 5 से 10 घंटे की सर्जरी होगी.