जबलपुर। पूर्व मंत्री तरुण भनोत की ओर से हाई कोर्ट में प्रदेश में फैली कोरोना वायरस महामारी को लेकर याचिक दर्ज की गई थी. इस याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिस पर पूर्व मंत्री तरुण भनोत के वकील शशांक शेखर ने कमलनाथ सरकार काल में कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए कामों का ब्योरा पेश किया.
हाई कोर्ट में तरुण भनोत ने पेश किया ब्यौरा जवाब में कहा गया कि देश में जब कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया था, तब से ही मध्य प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर काम करना शुरू कर दिया था. कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में तैयारियों को लेकर लगातार अधिकारियों से बैठक की. 20 मार्च के पहले तक मध्य प्रदेश में अधिकारियों के साथ 45 बैठक की गई थी, जिसमें कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी तरह के उपायों पर चर्चा की गई और उसकी शुरुआत भी की गई.
ये भी पढ़ें-कोरोना संकट: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका
तरुण भनोत ने अपने जवाब में कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य था, जहां पर सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ लगने पर रोक लगा दी गई थी. स्कूल, कॉलेज, मल्टीप्लेक्स, मॉल और बड़े-बड़े बाजारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. कोरोना को रोकने के लिए PPE किट और बाकी संसाधनों की आपूर्ति के लिए भी लगातार अधिकारियों से चर्चा की गई थी. उसको लेकर कमलनाथ सरकार ने खरीदी की तैयारी भी शुरू कर दी थी. सरकार की ओर से फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के आदेश भी दे दिए गए थे.
ये भी पढ़ें-जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश : अर्जेंट और फाइनल स्टेज के मामलों की होगी सुनवाई
इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश के कई शहरों में कंट्रोल रूम भी बनाने की तैयारी कर ली गई थी. पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत की ओर से पेश किए गए जवाब के बाद राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से सुनवाई के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है.
ये भी पढ़ें-हाईकोर्ट पहुंचा शराब दुकानें खोले जाने का मामला, ठेकेदारों की मांग- अभी न दी जाए अनुमति
बता दें, मध्य प्रदेश में फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों और सफाई कर्मचारियों के लिए PPE किट मुहैया कराने की मांग उठाई गई है. इसके साथ-साथ तमाम कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार की ओर से बीमा करने का भी मुद्दा उठाया गया है.