जबलपुर।इस साल पहले बारिश में हुई देरी, तो वहीं कुछ स्थानों पर हुई अतिवृष्टि से किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. एक ओर संक्रमण काल से जूझ रहा जिला प्रशासन, कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर लगाम लगाने में दिन-रात जुटा है, तो वहीं किसानों को हुए नुकसान के आंकलन और उन्हें मदद देने में प्रशासन के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. जबलपुर में किसान इतने परेशान हैं कि, अब वे खुद की खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हो रहे हैं.
जिस फसल को अपनी कड़ी मेहनत और खून- पसीने से तैयार किया, उसके नुकसान पर किसान इस तरीके से प्रतीकात्मक विरोध दर्ज करा रहे हैं. चरगवां के किसान संतोष सिंह राजपूत ने 3 एकड़ में बोई सोयाबीन की फसल को खुद ही नष्ट कर दिया. अतिवृष्टि के चलते उनकी फसल खराब हो गई. वहां तक तो सब ठीक था, लेकिन फसल खराब होने के बाद जिस बीमा के लिए किसान के खाते से हर 6 महीने में किश्त कटती है, उसका लाभ भी इन्हें नहीं मिल पाया.