जबलपुर। किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदने की योजना चलाती तो जरूर है, लेकिन जबलपुर में जालसाज किसानों के हक पर डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. जबलपुर में बीते एक माह के भीतर ही 17 हजार क्विंटल से ज्यादा ऐसी धान पकड़ी जा चुकी है, जिसे फर्जीवाड़े के जरिए समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचने की तैयारी की जा रही थी.
समर्थन मूल्य में धान खरीदी में फर्जीवाड़ा, शासन-प्रशासन सख्त
जबलपुर में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. प्रशासन ने एक माह में 17 हजार क्विंटल से ज्यादा धान जब्त किया है. जिसे फर्जी तरीके से समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचने की तैयारी की जा रही थी.
धान को समर्थन मूल्य में बेचने की साजिश
सरकार को समर्थन मूल्य पर बाहरी, अमानक और पुरानी धान बेचने की ये साजिशें बताती हैं कि भले मध्यप्रदेश में हर साल रिकॉर्ड धान खरीदी हो रही है, लेकिन इसमें स्थानीय किसानों की बजाय बाहरी व्यापारियों की धान भी हो सकती है. जबलपुर में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर बाहरी और अमानक धान को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है.
समर्थन मूल्य पर हो रहा है फर्जीवाड़ा
जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का मानना है कि धान को समर्थन मूल्य पर खरीदी में फर्जीवाड़े की आशंका थी,जिन बड़े मामलों में धान की जब्ती की गई है उनमें गोसलपुर, भेड़ाघाट और पनागर में हुई कार्यवाईयां शामिल हैं जिनकी जांच के आदेश देते हुए एफआईआर दर्ज कर करवाई की गई है. आशंका है कि इसके पीछे किसी संगठित गिरोह का भी हाथ हो सकता है. जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि जिले में समर्थन मूल्य पर सिर्फ किसानों का ही धान खरीदने और गैर किसानों का धान ना बिकने देने का अभियान इसी तरह जारी रहेगा.
धान के फर्जीवाड़े पर सहकारिता मंत्री का बड़ा बयान
उत्तरप्रदेश से लाकर प्रदेश के अन्य जिलों में समर्थन मूल्य पर बेची जा रही धान को लेकर सहकारिता मंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है. सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया का कहना है कि जहां जहां शिकायत मिल रही है. वहां वहां जांच करवाई जा रही है. मंत्री ने साफ साफ शब्दों में कह दिया है कि मैं अरविंद भदौरिया हूं किसी को भी नही छोड़ूंगा बगैर जेल भेजे.