जबलपुर। शहर में नजूल की जमीन पर रह रहे हजारों परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उच्च न्यायालय के नौ जनवरी 2013 को दिए आदेश पर की जा रही कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों को कई लाभ होंगे और शासन को भी राजस्व मिल सकेगा. फिलहाल शहर की बड़ी आबादी नजूल की जमीन पर काबिज है. इस श्रेणी की भूमि पर बने मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसी प्रकार भूमि के बदले बैंकों से लोन तक नहीं मिलता. लेकिन भूमि स्वामी अधिकार मिलने के बाद यह सारी सुविधाएं उन्हें मिलने लगेंगी.
यदि आंकड़ों की बात की जाए तो शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब 60 हेक्टेयर नजूल की जमीन पर लगभग 60 हजार परिवार रह रहे हैं, लेकिन उनके पास मालिकाना हक नहीं है. कलेक्टर द्वारा इसके सर्वे के लिए टीमें बना दी हैं, जिसमें प्रथम चरण में गढ़ा क्षेत्र में सर्वे का काम शुरू किया गया है.