जबलपुर। फिल्म 3 इडियट्स की कहानी में आमिर खान ने यह बताया था कि यदि आप अच्छे इंजीनियर नहीं बन सकते और आपका मन कलाकार बनने का है तो आप इंजीनियरिंग छोड़ दो. फिल्म अभिनेता शरत सक्सेना की कहानी भी कुछ इसी तरह की है. उन्होंने भी जबलपुर की इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की, लेकिन उन्हें इंजीनियर नहीं बनना था. इसलिए वे फिल्मों में अपना भविष्य तलाशने चले गए और बुरा इंजीनियर बनने की जगह एक अच्छे कलाकार बन गए.
स्कूल से जुड़ी यादें:शरत सक्सेना का कहना है कि, ''शिक्षा बहुत महंगी हो गई है, जब वे क्राइस्ट चर्च स्कूल में पढ़ते थे, तब उनकी फीस मात्र 15 रुपये हुआ करती थी. आज उसी क्राइस्ट चर्च स्कूल में दसवीं क्लास की फीस 4500 रुपये हो गई है.'' उनका कहना है कि, ''उस दौरान स्कूल बहुत छोटा हुआ करता था. अब यह स्कूल बहुत बड़ा हो गया है. वह 50 साल बाद क्राइस्ट चर्च स्कूल पहुंचे थे.''
इंजीनियरिंग पूरी नहीं कर पाए:शरत सक्सेना ने जबलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज से भी पढ़ाई की थी. उस समय जबलपुर में केवल सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ करता था. शरत सक्सेना का कहना है कि, ''आज भी उन्हें इस बात के सपने आते हैं कि उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई में अंतिम वर्ष की परीक्षा पास नहीं की थी.'' शरत सक्सेना का कहना है कि, ''वे चाहते हैं कि एक बार और परीक्षा दें और अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री को पूरी करें.'' उनका कहना है कि, ''वह पढ़ाई में बहुत ज्यादा होशियार नहीं थे. इसलिए उन्हें पता था कि इंजीनियरिंग में उनका भविष्य नहीं बन पाएगा और वह इंजीनियरिंग की फील्ड को छोड़कर अभिनेता बनने चले गए.'' शरत सक्सेना का कहना है कि, ''उनका यह फैसला सही रहा, क्योंकि इंजीनियरिंग उनके बस की नहीं थी, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने अपनी पहचान बना ली है.''