जबलपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर पाने के लिए जहां प्रदेश के हर शहर रोजाना नये कवायद कर रहे हैं तो दूसरी ओर जबलपुर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. क्योंकि यहां के सफाई कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. लिहाजा अब कर्मचारी सफाई व्यवस्था को दरकिनार कर प्रदर्शन पर उतर आये हैं.
जबलपुर में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन दरअसल जबलपुर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था है, जो कि एस्सेल कंपनी के कर्मचारी करते हैं. एस्सेल के पास करीब 3 हजार कर्मचारी कचरा कलेक्शन का काम करते हैं जो अब सड़कों पर उतर आये हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हे 5 हजार रुपये वेतन देती है जिससे उनका गुजर-बसर नहीं होता है तो वहीं तीन महीने से वेतन भी नहीं मिला है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे नंबर वन बनेगा जबलपुर ?
जबलपुर स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन आने की दौड़ में लगा हुआ है, यही वजह है कि नगर निगम और जिला प्रशासन के 70 अधिकारी रोज सुबह दो घंटे तक शहर की सफाई व्यवस्था को मौके पर जाकर देखते हैं. ऐसे में कर्मचारी ही हड़ताल पर चले जाएंगे तो फिर शहर की सफाई कौन करेगा? गौरतलब है कि कंपनी को करोड़ों रुपए का टेंडर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी वह कर्मचारियों की पेमेंट क्यों नहीं कर रही है यह बात समझ में नहीं आ रही. हालांकि अब जबलपुर नगर निगम के कमिश्नर ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को 3 दिन में तनख्वाह दिलवाने का आश्वासन दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर 3 दिन में पेमेंट नहीं हुआ तो उनका प्रदर्शन और उग्र हो जाएगा.