जबलपुर।मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 खत्म होते ही इस बात का एहसास सभी को था कि उपभोक्ताओं को कुछ चीजों में महंगाई का सामना करना पड़ेगा. इसकी शुरुआत हो भी गई है. सबसे पहले बिजली कंपनियों ने बिजली की दरों को 3 से 5% तक बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा है. जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने बिजली के बिल बढ़ाए जाने का विरोध किया है.
3 से 5 प्रतिशत बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव:जबलपुर का नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच बिजली के मुद्दे पर लंबे समय से दखल देता रहा है. हर बार जब भी नियामक आयोग बिजली बिलों को बढ़ाने की बात करता है, तो नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच इस पर आपत्ति जरूर लगाता है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के संरक्षण डॉक्टर पीजी नाज पांडे ने बताया कि एक बार फिर बिजली कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली बिलों की दरों को 3 से 5% तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजे हैं.
बिजली कंपनियों को नुकसान:डॉ पीजी नाज पांडे का कहना है कि 'विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली कंपनियों ने जो प्रस्ताव भेजे हैं. उसमें उन्होंने बिजली कंपनियों का घाटा लगभग 13000 करोड़ रुपए का बताया है. इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि बिजली बिल के कलेक्शन में 30% की कमी आई है और बिजली बिल का कलेक्शन केवल 60% रह गया है. इस रेवेन्यू गैप की वजह से बिजली कंपनियों को नुकसान हो रहा है. वह इस घाटे को पूरा करने के लिए बिजली बिलों की दरों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.