जबलपुर। पार्षद का चुनाव लड़ने वाले गरीब उम्मीदवारों के लिए खुश खबरी है. चुनाव आयोग ने पार्षद उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय कर दी है. जिससे गरीब प्रत्याशी भी चुनाव लड़ सकेंगे.
जबलपुर में बहुत जल्द नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषदों के चुनाव होने वाले हैं. इस बार इन चुनावों में धनबल के दुरुपयोग पर चुनाव आयोग ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है. दरअसल अभी तक स्थानीय निकाय के चुनावों में पार्षद प्रत्याशियों को पैसे खर्च करने की सीमा तय नहीं थी. जिसके चलते कई धनी प्रत्याशी सिर्फ पैसे के बल पर चुनाव जीत जाते थे.
पार्षद उम्मीदवारों की खर्च सीमा तय
जबकि पैसे के अभाव में कई प्रत्याशी चुनाव हार जाते थे. चुनाव आयोग ने विधायक और सांसदों के चुनाव में खर्च की सीमा तो तय कर रखी थी. लेकिन पार्षदों के चुनाव में खर्च की सीमा तय नहीं थी. लिहाजा जबलपुर की जनहित के मुद्दों पर काम करने वाली एक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी.
कितना कर सकते हैं खर्च
जिसमें उन्होंने पार्षद चुनाव में खर्च की सीमा तय करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस पर आदेश भी दिए, लेकिन इसके बाद भी सीमा तय नहीं हो पाई थी. उपभोक्ता मंच ने चुनाव के पहले इसे लागू करवाने के लिए कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की. जिसके बाद चुनाव आयोग ने अब यह नियम तय कर दिया है की 10 लाख से ऊपर के शहरों में नगर निगम चुनाव में पार्षद पद के प्रत्याशी 8,75,000 खर्च कर सकते हैं.
10 लाख से कम की आबादी नगर निगमों में यह सीमा 3,75,000 है. इसी तरह से नगर पालिका में एक लाख से ज्यादा आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल 2,50,000 खर्च कर सकता है. वहीं 50 हजार की आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल 1,50,000 ही खर्च कर सकता है. नगर परिषद के चुनाव में पार्षद प्रत्याशी केवल 75,000 खर्च कर सकता है. चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा का व्यौरा याचिकाकर्ता को भी भेजा है. इसको सरकार को प्रेषित किया गया है. जिससे सरकार इसे गजट नोटिफिकेशन करवा कर जारी कर सके. अगले चुनाव में यह नियम लागू हो सके.