जबलपुर। भारतीय मंदिरों के डॉक्टर केके मोहम्मद जबलपुर में आयोजित वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में पहुंचे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक व अयोध्या के विवादित ढांचे के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाले केके मोहम्मद देश के नामी पुरातत्व वेत्ता हैं. अयोध्या में मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के मोहम्मद के दावे को सबूतों के आधार पर ही कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण को लेकर फैसला दिया है.
वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में 'भारतीय मंदिरों के डॉक्टर' केके मोहम्मद
जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद ने कार्यक्रम में शिरकत की और नर्मदा नदी के बारे में लोगों को विशेष जानकारी दी.
कौन हैं केके मोहम्मद?
केके मोहम्मद को भारत में राम मंदिर की वजह से लोग जानते हैं, लेकिन मोहम्मद की पहचान इससे कहीं बड़ी है. केके मोहम्मद ने कई लावारिस बच्चों को उम्दा तालीम दी है और उनके इस काम को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सराहा था. दंतेवाड़ा के मंदिरों को नक्सलियों से बचाने का काम मोहम्मद की वजह से हो पाया है और चंबल के मुरैना में बटेश्वर महादेव के मंदिर की पुनर्स्थापना का काम भी केके मोहम्मद ने ही करवाया था.
मोहम्मद की वजह से भारत की कई ऐतिहासिक इमारतें संरक्षित हो पाई हैं, फतेहपुर सीकरी सम्राट अशोक का केसरी स्तंभ राजगीर के बौद्ध स्तूप जैसे न जाने कितनी ही भारतीय संस्कृति से जुड़ी इमारतें हैं, जिन्हें केके मोहम्मद की वजह से संरक्षित किया जा सका है. केके मोहम्मद बताते हैं कि नर्मदा नदी के बारे में कहा जाता है कि ये नदी कभी मरती नहीं और कभी न मरने वाली नदी का नाम ही नर्मदा है. ये संस्कृत के अपभ्रंश से ये शब्द बना है. नर्मदा पर इतना गूढ़ ज्ञान बहुत से लोगों को नहीं है.