जबलपुर।नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में 1 अक्टूबर को डॉक्टर भगवंत देवांगन ने आत्महत्या कर ली थी, जिसमें पुलिस ने पांच डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. डॉक्टर भगवंत देवांगन नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में प्रथम वर्ष आर्थो के छात्र थे. परिजनों ने सीनियर छात्रों की प्रताड़ना से आत्महत्या करने का आरोप लगाया है.
डॉ भगवंत देवांगन आत्महत्या केस परिजनों ने लगाया सीनियर छात्रों पर आरोप
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में रहने वाले भगवंत देवांगन ने 1 अक्टूबर को हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. डॉक्टर भगवंत देवांगन की मौत की जानकारी लगने पर जबलपुर पहुंचे उनके भाई ने सीनियर डॉक्टरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि भगवंत को मेडिकल के सीनियर चिकित्सकों द्वारा प्रताड़ित किया गया था जिसके चलते वह मानसिक रूप से बीमार हो गए और मनोचिकित्सक से उसका इलाज भी कराया था.
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पुलिस की जांच में अभी तक सामने आया है कि, मृतक को सीनियर डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन थिएटर में मुर्गा तक बनाया जाता था. साथ ही उनकी फाइल तक फाड़ दी जाती थी. जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गया और आत्मघाती कदम उठाते हुए फांसी लगा ली.
जबलपुर में कर रहे थे मेडिकल की पढ़ाई
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के रहने वाले डॉक्टर भगवंत देवांगन मेडिकल पीजी प्रथम वर्ष आर्थो के छात्र थे, पुणे से एमबीबीएस करने के बाद पीजी करने के लिए जबलपुर आए हुए थे. 1 अक्टूबर की दोपहर जब डॉक्टर देवांगन की मां ने फोन लगाया तो उनका मोबाइल बंद था. उसके हॉस्टल के कमरे में छात्रों ने उन्हें फंदे पर झूलता देखा था.
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पुलिस की जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि पीजी सेकंड ईयर के छात्र डॉक्टर विकास द्विवेदी, डॉक्टर सलमान, डॉक्टर अमन गौतम, डॉ शुभम शिंदे और डॉक्टर अभिषेक लगातार डॉ देवांगन को परेशान किया करते थे. पुलिस ने भगवंत देवांगन के परिजनों की शिकायत पर पांचों ही डॉक्टरों के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज किया है.