जबलपुर। कोरोना महामारी ने देश-दुनिया में हाहाकार मचा रखा है. संक्रमण की ये तीसरी लहर है, वहीं पहली दो लहरों में कईयों ने अपनों को खोया, कई लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े. लोगों में इस बीमारी को लेकर खौफ है. लेकिन दहशत के बीच सामान भाव से सेवा में लगा है जबलपुर का एक डॉक्टर परिवार. जबकि पूरा परिवार खुद भी कोरोना की चपेट में आया, इनके रिश्तेदार की मौत भी हुई, बावजूद इसके तीनों लहरों से लड़ता आ रहा है और लोगों की सेवा करता आ रहा है, जबलपुर में रहने वाली डॉ. रंजना गुप्ता का पूरा परिवार.
3 साल से बिना डरे सेवा में जुटा डॉक्टर परिवार
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर पदस्थ रहीं डॉ.रंजना गुप्ता कोरोना की पहली लहर में ही संक्रमित हो गई थी. इस दौरान वह अस्प्ताल में एडमिट हुई और करीब एक माह के इलाज के बाद डॉ. रंजना गुप्ता फिर से स्वास्थ्य होकर अपने काम पर लग गई. इतने समय तक बीमार रहने के बावजूद डॉ रंजना गुप्ता कोरोना से डरे बिना अपनी ड्यूटी करती रही हैं. इस दौरान कभी भोपाल में मीटिंग, कभी दिल्ली में बैठक, कभी इस अस्पताल में काम तो कभी दूसरे में. लगातार लोगों और मरीजों से घिरे रहने के बाद भी डॉ रंजना गुप्ता ने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई है.
अपने भाई को कोरोना से खोया, पर नहीं हारी हिम्मत (Lost brother due to corona)
डॉ रंजना गुप्ता बताती है कि कोरोना महामारी ने उनके भाई की जान ले ली. छोटा बेटा भी गंभीर रूप से बीमार हो गया. उसके बाद बहू जब गर्भवती थी, उस दौरान वह भी कोरोना पॉजिटिव हो गई. घर का बड़ा बेटा भी संक्रमण की चपेट में आ गया था. यानी एक साथ पूरे परिवार के संक्रमित होने से परेशानी काफी बढ़ गई थी. इसके बावजूद डॉ रंजना गुप्ता के परिवार ने हार नहीं मानी और अब जब देश-प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई तो यह परिवार अभी भी मरीजों के बीच है, उनका इलाज कर रहा है.