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दर्द-ए-कोरोना: भाई की गई जान, संक्रमित होकर भी ड्यूटी निभाते रहे परिवार के 4 डॉक्टर्स - जबलपुर का डॉक्टर परिवार

कोरोना के कहर से लोग परेशान हैं. लेकिन निराशा और दहशत के इस माहौल में भी कुछ लोग हैं, जो हिम्मत नहीं हारते हुए लगातार दूसरों की सेवा में लगे हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है जबलपुर के एक डॉक्टर परिवार (Docter Family of Jabalpur) की. जहां फैमिली में चार डॉक्टर्स हैं और सभी महामारी के तीन सालों में अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा रहे हैं.

Docter Family of Jabalpur
3 साल से बिना डरे सेवा में जुटा डॉक्टर परिवार

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Published : Jan 21, 2022, 1:28 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 1:59 PM IST

जबलपुर। कोरोना महामारी ने देश-दुनिया में हाहाकार मचा रखा है. संक्रमण की ये तीसरी लहर है, वहीं पहली दो लहरों में कईयों ने अपनों को खोया, कई लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े. लोगों में इस बीमारी को लेकर खौफ है. लेकिन दहशत के बीच सामान भाव से सेवा में लगा है जबलपुर का एक डॉक्टर परिवार. जबकि पूरा परिवार खुद भी कोरोना की चपेट में आया, इनके रिश्तेदार की मौत भी हुई, बावजूद इसके तीनों लहरों से लड़ता आ रहा है और लोगों की सेवा करता आ रहा है, जबलपुर में रहने वाली डॉ. रंजना गुप्ता का पूरा परिवार.

3 साल से बिना डरे सेवा में जुटा डॉक्टर परिवार
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर पदस्थ रहीं डॉ.रंजना गुप्ता कोरोना की पहली लहर में ही संक्रमित हो गई थी. इस दौरान वह अस्प्ताल में एडमिट हुई और करीब एक माह के इलाज के बाद डॉ. रंजना गुप्ता फिर से स्वास्थ्य होकर अपने काम पर लग गई. इतने समय तक बीमार रहने के बावजूद डॉ रंजना गुप्ता कोरोना से डरे बिना अपनी ड्यूटी करती रही हैं. इस दौरान कभी भोपाल में मीटिंग, कभी दिल्ली में बैठक, कभी इस अस्पताल में काम तो कभी दूसरे में. लगातार लोगों और मरीजों से घिरे रहने के बाद भी डॉ रंजना गुप्ता ने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई है.

3 साल से बिना डरे सेवा में जुटा डॉक्टर परिवार

अपने भाई को कोरोना से खोया, पर नहीं हारी हिम्मत (Lost brother due to corona)
डॉ रंजना गुप्ता बताती है कि कोरोना महामारी ने उनके भाई की जान ले ली. छोटा बेटा भी गंभीर रूप से बीमार हो गया. उसके बाद बहू जब गर्भवती थी, उस दौरान वह भी कोरोना पॉजिटिव हो गई. घर का बड़ा बेटा भी संक्रमण की चपेट में आ गया था. यानी एक साथ पूरे परिवार के संक्रमित होने से परेशानी काफी बढ़ गई थी. इसके बावजूद डॉ रंजना गुप्ता के परिवार ने हार नहीं मानी और अब जब देश-प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई तो यह परिवार अभी भी मरीजों के बीच है, उनका इलाज कर रहा है.

मरीजों की सेवा ही हमारा दायित्व

'डर से आगे है मानवता' (serving society in epidemic)
डॉक्टर रंजना गुप्ता ही नहीं, उनके बेटे और बहू भी कोरोना पॉजिटिव हुए थे. बावजूद इसके उन्होंने मरीजों की सेवा करनी नहीं छोड़ी. कोरोना की दूसरी लहर में डॉ रंजना गुप्ता के बेटे डॉक्टर अनिमेष गुप्ता और डॉक्टर निहारिका गुप्ता भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. लेकिन संक्रमण से ठीक होते ही फिर से मरीजों की देखरेख में जुट गए. डॉक्टर अनिमेष गुप्ता कहते हैं कि मरीजों की सेवा ही हमारा दायित्व है, तो वही उनकी पत्नी डॉक्टर निहारिका गुप्ता बताती हैं कि संक्रमण होने पर निश्चित रूप से डर लगा था पर डर से आगे है मानवता.

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जबलपुर में कोरोना के 3594 एक्टिव केस (Jabalpur Corona Update)
कोरोना की तीसरी लहर में जबलपुर में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अपडेट के मुताबिक जिले में फिलहाल कोरोना के 3594 एक्टिव मरीज हैं. बीते 24 घंटे में यहां 602 नए केस सामने आए हैं, जबकि एक शख्स की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. गुरुवार को जिले में 5223 लोगों के टेस्ट सैंपल की जांच हुई. वहीं प्रदेश में बीते 24 घंटे में संक्रमण के 9603 नए केस सामने आए हैं, जिनमें 121 पुलिसकर्मी भी हैं.

Last Updated : Jan 21, 2022, 1:59 PM IST

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