जबलपुर। रोशनी के महापर्व दीपावली की पूर्व संध्या पर पुण्य सलिला नर्मदा का तट हजारों दीपों से जगमगा उठा. सांसद राकेश सिंह के आह्वान पर नर्मदा तट ग्वारीघाट में एक दीप जबलपुर की समृद्धि के नाम जलाया गया. जिसमें सैकड़ों की तादाद में पहुंचे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दीप जलाते हुए मां नर्मदा की आराधना की और जबलपुर की सुख समृद्धि की कामना की.(diwali 2022) (deepotsav celebrated in jabalpur) (mp rakesh singh worship in deepotsa) (deepotsav celebrated in jabalpur on chhoti diwal)
लोकल फॉर वोकल को रफ्तार: इस मौके पर सांसद राकेश सिंह ने विधि विधान के साथ जीवनदायिनी मां नर्मदा की पूजन-अर्चना करते हुए जबलपुर के लोगों की सुख शांति के साथ ही संस्कारधानी की तरक्की की कामना की. इस दौरान मां नर्मदा की विशाल महा आरती भी की गई. जिसमें बड़ी तादाद में पार्टी के लोगों ने शिरकत की.दीपोत्सव जबलपुर के नाम से नर्मदा तट ग्वारीघाट में आयोजित एक दीप जबलपुर की समृद्धि के नाम कार्यक्रम में सांसद राकेश सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के आह्वान को रफ्तार देते हुए उन्होंने स्थानीय बाजारों से न केवल खरीदी की बल्कि दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा है कि पूर्व के सालों में देश की सांस्कृतिक विरासत को कमजोर करने की कोशिश की गई, लेकिन अब देश मजबूत हाथों में है, लिहाजा भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने के लिए ही यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
सांसद ने किया दीप प्रज्ज्वलित: सांसद राकेश सिंह ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति है, हम किसी भी पवित्र कार्य की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर करते है और दीपावली वह पर्व है जिसे हम असत्य पर सत्य की और अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में मनाते हैं. वर्षों से हम दीपावली की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं पर कहने में कोई संकोच नहीं है कि कुछ वर्षों में शासनगत व्यवस्था के कारण हमारी प्राचीन परंपरा धीरे धीरे क्षीण हुई है, लेकिन वर्तमान का समय सांस्कृतिक पुनरुथान का है और जब हम सांस्कृतिक पुनरुथान की बात करते हैं तो आज देश में वो परिस्थितियां हैं. जिनकी हमे वर्षों से प्रतीक्षा थी. जैसे भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या जी में बनने जा रहा है, कश्मीर धारा 370 के बंधन से मुक्त हो गया है, विकास की नई इबारत लिखी जा रही, पूरे देश में साधु संतों के आशीर्वाद से भक्तिमय और धर्ममय माहौल है.