जबलपुर।सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के दौरान निजी स्कूलों को केवल बच्चों की ट्यूशन फीस लेने के आदेश जारी किए थे. इसी के साथ कोर्ट ने कहा था कि कोई भी स्कूल कोरोना काल में फीस नहीं बढ़ा सकता. कोर्ट ने अपनी फीस के संबंध में जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर डालने के आदेश दिए थे. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिया था कि वह यह डाटा उपलब्ध करवाएं, लेकिन प्रदेश की 50 हजार स्कूलों में से किसी भी स्कूल ने इस आदेश का पालन नहीं किया.
हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
दरअसल कोरोना वायरस के संकट काल के दौरान स्कूल पूरी तरह से बंद थे या फिर केवल ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई हो रही थी. लेकिन स्कूलों ने फीस में कोई रियायत नहीं बरती. स्कूलों के इसी वसूली के खिलाफ कुछ सामाजिक और अभिभावक संगठनों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला करते हुए कहा कि निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते. ट्यूशन फीस के अलावा दूसरी कोई फीस नहीं वसूल सकते.
सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का दिया फरमान, प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर बना रहे हैं दबाव
लेकिन कुछ स्कूलों ने चालाकी करते हुए हाईकोर्ट के इस फैसले का फायदा उठाया और अपनी पूरी फीस ही ट्यूशन फीस में कन्वर्ट कर दी. जबलपुर के जॉय स्कूल ने अपनी पूरी फीस ट्यूशन फीस के नाम पर वसूलना शुरू कर दिया. इस स्कूल में पिछले साल दूसरी क्लास की फीस 3,300 थी. इसे इस साल बढ़ाकर 3,900 कर दिया गया. इसी तरीके से हर क्लास की फीस में 15% से 20% का इजाफा किया. पूरी फीस ट्यूशन फीस के नाम पर ही वसूली जा रही है. यह एक स्कूल का मामला है इसी तरह दूसरे स्कूलों ने भी किया है.