जबलपुर। करीब 4 साल बाद जबलपुर में निशक्तजनों की सुनवाई के लिए चलित न्यायालय मोबाइल कोर्ट लगाई गई. मध्य प्रदेश के निशक्तजन आयुक्त संदीप रजक अपनी विभागीय अधिकारियों के साथ इस मोबाइल कोर्ट में शामिल हुए और निशक्तजनों की समस्या सुनी.
चार साल बाद निशक्तजनों के लिए लगा मोबाइल कोर्ट, समस्याओं का किया गया निराकरण
चार साल बाद जबलपुर में निशक्तजनों की सुनवाई के लिए चलित मोबाइल कोर्ट लगाई गई. जिसमें बड़ी संख्या में दिव्यांगों की भीड़ देखी गई.
काफी लंबे समय बाद जबलपुर में चलित न्यायालय मोबाइल कोर्ट में दिव्यांगों की भीड़ भी देखी गई. 2015 के बाद जबलपुर में लगी निशक्तजन चलित न्यायालय को लेकर आयुक्त संदीप रजक का कहना था कि प्रदेश में 52 जिले और एक ही आयुक्त होने के चलते निश्चित रूप से जबलपुर में इस तरह की सुनवाई में देरी जरूर हुई है, लेकिन सभी निशक्तजनों की समस्याओं का तुरंत समाधान भी किया जा रहा है. वहीं दिव्यांगों को आ रही समस्या को लेकर आयुक्त संदीप रजक ने कहा कि रोजगार और प्रमाण पत्र दिव्यांगों की पहली समस्या है. यही वजह है कि ज्यादा दिव्यांगों ने रोजगार और अपने प्रमाण पत्रों को लेकर आवेदन दिया है.
दिव्यांगों के प्रदेश में लंबे समय बेरोजगारी को लेकर लड़ाई लड़ने पर आयुक्त का कहना है कि विभिन्न भागों में अभी दिव्यांगों के लिए पद चिन्हित किए गए हैं और उनको रोजगार देने की प्रक्रिया भी लगातार चल रही है. जल्दी ही प्रदेश के तमाम क्वालीफाई दिव्यांगों को रोजगार भी पूरी तरह से मुहैया हो जाएगा. वहीं दिव्यांगों को हो रही असुविधा में निशक्तजन आयुक्त ने अपनी नाराजगी जाहिर की.