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International Women's Day: जब जबलपुर की 82 साल की बुजुर्ग शांति बाई के आगे झुक गई दिल्ली सरकार, हौसले को मिला सम्मान

82 साल की उम्र में जब बुजुर्ग अपने कामों के लिए भी दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं, उम्र के उस पड़ाव पर जबलपुर की शांति बाई आज भी घर-घर जाकर काम कर रहीं है. शांति बाई के इसी हौसले को दिल्ली सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित किया है.

Delhi government honored Shanti Bai of Jabalpur
शांति बाई को दिल्ली सरकार ने किया सम्मानित

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Published : Mar 8, 2022, 5:08 PM IST

जबलपुर। 82 साल की बुजुर्ग शांति बाई ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें कुछ इस तरह से सम्मान मिलेगा कि पूरी दिल्ली सरकार उनके आगे झुक जाएगी. गढ़ा की रहने वाली गरीब बुजुर्ग शांति देवी, इस उम्र में अपना पेट पालने के लिए सुबह से शाम तक साइकिल से यहां-वहां जाकर काम करती हैं, उनका सम्मान देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल के साथ किया. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शांति बाई का दिल्ली सरकार ने तालियों से जोरदार स्वागत कर सम्मानित किया.

शांति बाई को दिल्ली सरकार ने किया सम्मानित
शांति बाई के आगे झुकी दिल्ली सरकार
जबलपुर के गढ़ा में रहने वाली 82 साल की शांति बाई सोशल मीडिया में सेंसेशन बन चुकी है. उम्र के इस पड़ाव में भी शांति बाई किसी पर बोझ नहीं हैं. आज भी वह रोजाना 20 से 22 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं, घरों में काम करती है. शांति बाई के इसी हौसले और आत्मनिर्भर रहने के ढृ़ढ इरादे को दिल्ली सरकार ने सम्मानित किया है. महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मंच पर जैसे ही शांति बाई पहुंचीं, वैसे ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य मंत्री और अधिकारी तालियां बजाकर उनका स्वागत किया.

सीएम केजरीवाल ने सीने से लगा दिया सम्मान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सम्मान लेने से ज्यादा शांति बाई को अपनी बेटी की चिंता थी. यही वजह थी कि जब शांति बाई को मंच पर लाया गया तो वह वहां भी अपनी बेटी उषा को अपने पास लाना चाहती थी. बेटी का हाथ पकड़कर शांति बाई ने उसे अपने बाजू में खड़ा किया. यह सब देखकर अरविंद केजरीवाल भी मुस्करा रहे थे. शांति बाई का सम्मान करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने सीने से लगा लिया.

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जानें क्या है साइकिलिंग के फायदे
भले ही 82 साल की शांति बाई मजबूरी में रोजाना 20-22 किलोमीटर रोजाना साइकिल चला रही हैं, पर उनका इस उम्र में भी साइकिल चलाना यह बताता है कि जीवन के लिए साइकिलिंग करना कितना फायदेमंद होता है. साइकिलिंग से न सिर्फ व्यक्ति स्वस्थ रहता है, बल्कि सेहत भी बनी रहती है. साइकिलिंग से ताकत, समन्वय और संतुलन में सुधार होता है. रोजाना साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य रोग जैसे अवसाद, तनाव और चिंता को कम किया जा सकता. साथ ही बढ़ते वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है.

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