जबलपुर। जिले के बरगी क्षेत्र में 2 दिन पहले खिरहनी के पास दो जंगली हाथियों को देखा गया था, जिसके बाद वन विभाग का अमला लगातार इन जंगली हाथियों को जंगलों से भगाने की कोशिश में जुटा हुआ था. हालांकि वन विभाग के पास सुरक्षा व्यवस्था के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जिससे विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए एक बिजली के खंभे पर चढ़ना पड़ा. वहीं कई घंटों की मशक्कत के बाद पटाखों की आवाज से हाथी जंगलों की तरफ रवाना हुए, लेकिन आज सुबह वन विभाग को सूचना मिली कि मोहास के पास दो हाथियों में से एक हाथी की मौत हो गई है. जानकारी लगते ही जब आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, तो जंगली हाथी मुंह के बल नीचे गिरा हुआ था, जिससे उसके दांत जमीन पर धंसे हुए थे. वहीं मृत हाथी का पेट भी फूल गया था. इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि अभी हाथी की मौत पर कुछ कहा जा नहीं सकता है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हाथी की मौत का खुलासा हो पाएगा.
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लोगों ने लगाया आरोप
शहर में एक हाथी की दर्दनाक मौत ने वन्यजीव प्रेमियों को दहला दिया है, जहां हाथी का शव मुंह के बल लेटा हुआ मिला, जिसके दोनों दांत जमीन में गड़े हुए थे. इधर वन्यजीव प्रेमी और स्थानीय लोगों ने पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग की है. लोगों का आरोप है कि, जिले में भटककर आए दोनों हाथियों के यहां होने की सूचना 4-5 दिनों पहले ही वन विभाग को दे दी गई थी, लेकिन वन विभाग की टीम हाथियों का रेस्क्यू करने की बजाए जंगलों में खदेड़ती रही.
राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने किया ट्वीट
हाथी की दर्दनाक मौत पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी ट्वीट करते हुए जांच की मांग की है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को वन विभाग और जिला प्रशासन की नाकामी बताया है. दूसरी तरफ वन विभाग के अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की जांच की बात कह रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया करंट से हुई हाथी की मौत