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जबलपुर: संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने भेड़ाघाट को किया नजरअंदाज, ये है मामला - भेड़ाघाट

मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने यूनेस्को में जबलपुर की लाखों साल पुरानी मार्बल रॉक्स की अनदेखी करते हुए इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और चंदेरी नाम किया शामिल.

भेड़ाघाट को किया नजरअंदाज

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Published : May 25, 2019, 11:47 PM IST

जबलपुर| मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने जबलपुर के साथ सौतेला व्यवहार किया है. संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने यूनेस्को के सामने प्रेजेंटेशन में मार्बल रॉक्स की अनदेखी करते हुए इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और चंदेरी के अलावा किसी दूसरे शहर का नाम नहीं लिया.

भेड़ाघाट को किया नजरअंदाज

जानकारी के अनुसार यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) ने मध्य प्रदेश सरकार से कुछ ऐसी चीजों की जानकारी मांगी थी जो शिक्षा, प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और संस्कृति से जुड़ी हों. बता दें एक बार यदि कोई क्षेत्र यूनेस्को से जुड़ जाता है तो वो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में पहचान बना लेता है. संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली में यूनेस्को के अधिकारियों के सामने भोपाल, ग्वालियर, इंदौर के साथ चंदेरी को यूनेस्को से जोड़ने की अपील की है. लेकिन जबलपुर की भेड़ाघाट की संगमरमर की चट्टानें दुनिया में इकलौती हैं. जहां कोई नदी संगमरमर की दूधिया चट्टानों के बीच से होकर गुजरती है. प्रकृति की यह अद्भुत देन दोबारा से नहीं गढ़ी जा सकती. इसलिए इसके संरक्षण की बहुत जरूरत है.

इस बात से जबलपुर का आम नागरिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है और जबलपुर के कई छोटे-छोटे संगठनों ने मिलकर इस मुद्दे को राज्य सरकार तक पहुंचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. लोगों की मांग है जबलपुर को यूनेस्को से जोड़ा जाए.

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