जबलपुर। कोरोना वायरस के दौरान किए गए लॉकडाउन के चलते कई लोगों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है. जिसके चलते सरकार ने ऐसे लोगों की आर्थिक मदद की. लेकिन थर्ड जेंडर के लोगों का आरोप है कि, उन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला, जिसको लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगल पीठ ने सरकार को 15 जून तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.
थर्ड जेंडर के लोगों ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका, आर्थिक सहायता की मांग - कोर्ट ने सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
थर्ड जेंडर के लोगों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार पर किसी भी तरह की मदद नहीं करने का आरोप लगाया है, याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदेश सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. कोर्ट ने 15 जून तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.
दरअसल, इंदौर के रहने वाले थर्ड जेंडर संध्या उर्फ संदीप कुमार की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि, थर्ड जेंडर का मुख्य व्यवसाय नाच- गाना तथा शुभ अवसर पर लोगों के घर जाकर बधाई लेना है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण इस वर्ग के लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. याचिकाकर्ता ने बताया कि, उसने सहयोग के लिए राजनेताओं तथा प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया. लेकिन उन्हें किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिला. जिसके चलते उन्होंने याचिका दायर की है.
इस याचिका के साथ 30 व्यक्तियों की सूची भी प्रस्तुत की गई है, जिनसे उन्होंने सहयोग के लिए गुहार लगाई थी. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि, इस वर्ग के लोगों को प्रतिमाह 25 किलो राशन तथा 5 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाए. इसके साथ ही रेंट के तौर पर 2 हजार दिया जाएं. यह सहयोग 6 माह तक किया जाए. याचिका में यह भी मांग की गई है कि, इस बार के लिए पेंशन योजना शुरू की जाए, जिसकी राशि 3 हजार 500 रुपये प्रतिमाह से कम नहीं होनी चाहिए. याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.