जबलपुर। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने में अपनी ताकत झोंक दी है. हालांकि, ग्रामीण अभी भी इस खतरनाक संक्रमण को लेकर लापरवाह बने हुए है. उन्हें न मास्क लगाने से मतलब है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई फिक्र है.
ग्रामीण अंचलों में कोरोना अब तेजी से बढ़ रहा है. उसकी एक वजह यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग न ही मास्क पहनने को अनिवार्यता समझते हैं और न ही दूर-दूर रहना. महिलाए एक साथ कुए में पानी भरने जाती हैं. एक साथ बैठ कर बातें करती हैं. वहीं, पुरूष साथ मे बैठकर बातचीत करते है. इस हाल में प्रशासन को ग्रमीण क्षेत्रों में कोरोना पर काबू करने में काफी मशक्कत का सामना करना होगा.
स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है प्रयास
ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि, निश्चित रूप से शहरी क्षेत्र कोरोना संक्रमण से निपटने में कारगर साबित हो रहा है, लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाकों में इसके लिए काम करने की जरुरत है, उन्होंने बताया कि अभी तक कोरोना संबंधित नियम कानून का गांव में सख्ती से पालन नहीं करवाया जाता था. पर अब जबकि कोरोना ने गांव में भी अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है, तो पुलिस-प्रशासन भी सख्त हो गया है,पहले गांव में भजन-विवाह अन्य कार्यक्रमों सहित लोगों की आवाजाही बहुत थी जिस पर अब पाबंदी लगाई जा रही है, यही वजह है कि अब ग्रमीण इलाको में भी कोरोना संक्रमण पर काबू पाया गया है.
इधर, ग्रमीण इलाको में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर जिला पंचायत सीईओ ने भी कोविड संबधित नियमो का सख्ती से पालन करने हेतु जनपद सीईओ,सरपंच-सचिव और ग्राम रोजगार सहायक को निर्देश दिए हैं, सीईओ ऋजु बाफना की माने तो गांव मे कोरोना से निपटने के लिए छात्रावासों को कोविड सेंटर बनाया गया है, जिसमें की कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध मरीज को उसमे रखा जा सके. इसके अलावा पंचायत स्तर पर भी क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिसकी निगरानी का जिम्मा सरंपच-सचिव और रोजगार सहायक को सौंपा गया है.
जबलपुर जिला पंचायत सीईओ की मानें तो जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना ने अपनी दस्तक देना शुरू कर दिया है, उसको देखते हुए बहुत सी ग्राम पंचायतों ने स्वत संज्ञान लेते हुए अपने गांव में लॉकडाउन लगा दिया है, इतना ही नहीं बहुत से गांव में तो दूसरे गांव से आने वाले ग्रामीणों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है,उनके इस प्रयास के चलते काफी हद तक कोरोना वायरस पर लगाम लगाई जा सकती है.
इतनी लाशें कि 'मुक्तिधाम' में भी छाया लकड़ियों का संकट
जबलपुर में है कुल 516 ग्राम पंचायत
दरअसल, जिले में कुल 516 ग्राम पंचायत हैं, जिसमे से अभी तक 303 ग्राम पंचायत में कोरोना ने अपनी दस्तक दी है, जिला पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 303 पंचायतो में अभी तक करीब 1423 ग्रामीण कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जिसमे की 728 स्वास्थ हो गए हैं. वहीं, बाकी के 644 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. इसी तरह से अभी 30,000 ग्रामीणों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा भी वितरित की गई है.
पंचायतों में शुरू हुई ऑक्सीजन की व्यवस्था
ग्रामीण इलाकों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के केसों को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पाटन-बरगी-सिहोरा-बरगी नगर में सेंट्रल ऑक्सीजन युक्त अस्पताल की शूरुआत कर दी है, जबकि शहपुरा-कुंडम-मंझौली में कार्य प्रगति पर है.