मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

टैक्सी सेवा पर 'कोरोना ग्रहण', चालकों ने प्रधानमंत्री से लगाई मदद की गुहार - टैक्सी व्यवसाय पूरी तहर ठप्प

देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचाई है. लाखों लोग काल के गाल में समा गए, तो लाखों के रोजगार छिन गए, वहीं कोरोना की इस दूसरी लहर में टैक्सी व्यवसाय पूरी तहर ठप्प पड़ गया है. टैक्सी बंद पड़ी है. यहीं वजह है कि इनके चालकों की आर्थिक हालत बेहद खराब है. ऐसे में देशभर के टैक्सी चालकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस व्यवसाय के लिए मदद की गुहार लगाई है.

Corona eclipse on taxi service
टैक्सी सेवा पर कोरोना ग्रहण

By

Published : May 16, 2021, 5:34 PM IST

जबलपुर। कोरोना संक्रमण महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है, जैसे-तैसे कुछ व्यवसाय चल रहे है. लेकिन कुछ ऐसे व्यवसाय भी है जिनका धंधा पूरी तरह से बंद पड़ गया है. कोरोना संक्रमण के कारण लगे कोरोना कर्फ्यू में प्राइवेट टैक्सियों का व्यवसाय बीते एक माह से रुका पड़ा हुआ है. लोगों का आना-जाना बंद है, ऐसे में टैक्सियां ज्यों की त्यों खड़ी हुई है. टैक्सी मालिकों को तो इस कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन टैक्सी चालकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है.

टैक्सी चालकों पर कोरोना ने लगाया ग्रहण
  • जबलपुर में है करीब 6 हजार टैक्सी

जबलपुर जिले में वर्तमान समय में करीब 6 हजार टैक्सी का संचालन हो रहा है. इस हिसाब से इन 6 हजार टैक्सी को चलाने वाले सभी 6 हजार चालक इस समय बेरोजगार हो गए है, वर्ष 2020 में लगे 3 माह के लॉकडाउन में कुछ हद तक टैक्सी मालिकों ने चालकों को मदद की थी, लेकिन इस साल किसी भी तरह की मदद टैक्सी चालकों को नहीं मिल रही है. यही कारण है कि कई ड्राइवरों ने टैक्सी चलाने के व्यवसाय से ही तौबा कर ली है.

  • बहुत सी गाड़ियां है बैंक फाइनेंस

गाड़ी मालिक राजेंद्र विश्वकर्मा बताते है कि लॉकडाउन में गाड़िया खड़ी है, लेकिन इससे बैंक को कोई मतलब नहीं है. उनकी किस्त देना अनिवार्य है. बीते साल 3 माह के लिए जरूर कुछ रियायत बैंक में किस्त जमा करने को मिली थी, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है, ना ही जिला प्रशासन से कुछ मदद मिल रही है और ना ही बैंक ने किस्त माफी में मदद का आश्वशन दिया है. लिहाजा इस संकट के समय आज टैक्सी मालिक और चालक अपने आप को अकेला महसूस कर रहे है.

शादी व्यवसाय पर 'कोरोना ग्रहण'

  • सब कुछ ठीक चल रहा था

कोरोना काल के पहले तक टैक्सी मालिक और चालकों का काम अच्छा चल रहा था. शादी-विवाह में गाड़ियों की मांग बहुत थी. लोग घूमने-फिरने के लिए टैक्सी भी बुक करते थे, चालकों को प्रतिमाह 7 से 8 हजार रुपए के साथ-साथ 300 से 500 रुपए प्रतिदिन भत्ता भी मिलता था, लेकिन इस लॉकडाउन ने न सिर्फ मालिकों की बल्कि चालकों की कमाई पर ग्रहण लगा दिया है.

  • सब कुछ चल रहा, सिर्फ टैक्सी है बंद

साल 2020 में लगे लॉकडाउन के समय बस-ट्रेन टोटल बंद थी. जिनको कही जाना-आना होता था वह जिला प्रशासन की अनुमति लेकर टैक्सी बुक करके चला जाया करता था. लेकिन इस बार के कोरोना कर्फ्यू में ट्रेन भी चल रही है और बस भी, सिर्फ टैक्सियों के पहिये थमे है.

  • प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, लगाई मदद की गुहार

देश भर के टैक्सी संचालक और ड्राइवरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि इस कोरोना काल के समय उनकी भी मदद की जाए. उन्होंने गुहार लगाते हुए कहा है कि इस कोविड-19 महामारी में सबको अपनी जिंदगी से बहुत प्यार है. हमने आपका साथ और सभी देश वासियों का हमेशा साथ दिया, लेकिन अभी प्रधानमंत्री जी ये बताइए कि हम सब टैक्सी संचालक और चालक क्या करें? पीएम मोदी से गुहार में कहा कि आपने सब विभाग में और बहुत चीजों मे छूट दी है, लेकिन हमारा काम तो बिलकुल बंद है. इसके चालू होने की भी अभी उम्मीद नहीं है, आप थोड़ा टैक्सी संचालकों और ड्राइवर की तरफ और उनके परिवार के लिए भी कुछ सोचिए.

  • दिल्ली सरकार दे रही मदद

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब इस कोरोना काल के समय अपने राज्य के टैक्सी और ऑटो चालकों की मदद कर रहे है, तो फिर शिवराज सिंह क्यों खामोश बैठे हुए है. अरविंद केजरीवाल ने सभी ऑटो और टैक्सी चालकों को 5-5 हजार रुपए मदद के तौर पर देने की घोषणा की है. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इस और अभी तक कोई कदम नही उठाया है, आखिर क्यों? ये सवाल भी टैक्सी चालकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पूछा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details